कोई रोते तो कोई हंसते हुए पहुंचा स्कूल

हरिभूमि न्यूज. जींद
कोरोना संक्रमण के लगातार कम हो रहे मामलों को देखते हुए शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों पर सोमवार को आखिरकार छह माह बाद पहली से कक्षा तीसरी तक के स्कूल खुले। अब ये नन्हें फूल भी बड़े बच्चों की तरह ही स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगा सकेंगे। पहले दिन अपने दोस्त सहपाठियों को देख कर बच्चे खुश नजर आए। कई बच्चे बिना मास्क के तो कई बच्चे रोते हुए स्कूल पहुंचे। जींद ब्लॉक में पहली से तीसरी कक्षा तक में 6666 बच्चे पढ़ते हैं।
इनमें से पहले दिन 2801 बच्चे ही स्कूल पहुंचे। पहली कक्षा में 2140 में से 738 बच्चे, दूसरी कक्षा में 2269 में से 944 बच्चे, कक्षा तीसरी में 2257 में से 1119 बच्चे सरकारी स्कूलों में पहुंचे। जो विद्यार्थी बिना मास्क और स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट के स्कूल में आए तो शिक्षकों द्वारा उन्हें वापस भेज दिया गया। जबकि निजी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या सरकारी स्कूलों से ज्यादा रही। विद्यार्थियों द्वारा अभिभावकों से लिखित में लाए जाने पर ही उन्हें स्कूलों में प्रवेश करवाया गया। हालांकि जो बच्चे लिखित में नहीं लाए थे उन्हें मंगलवार को हर हाल में अभिभावकों की परमिशन लाने के लिए कहा गया।
बच्चों की चहचहाट से गुलजार हुए स्कूल
सोमवार से पहली से तीसरी कक्षा तक सरकारी और निजी स्कूल खुले तो बच्चों की चहचहाहट से स्कूल गुलजार हो गए। जो बच्चे सहमति पत्र के साथ स्कूल में पहुंचे उन्हें एंट्री मिली। स्कूलों में एंट्री से पहले विद्यार्थियों का तापमान व ऑक्सीजन लेवल चेक किया गया। आशंकित बच्चों को वापस भेज दिया गया। वहीं सरकारी और निजी स्कूलों की प्राइमरी कक्षाओं में साफ.-सफाई का विशेष प्रबंध किया गया है।
नियमानुसार छोटे बच्चे स्कूल आने के लिए नही हैं बाध्य
स्कूल में आने के लिए अभिभावकों की लिखित अनुमति जरूरी होगी। विद्यार्थी को स्कूल में आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। जो बच्चे ऑनलाइन पढ़ना चाहते हैं, उनकी पढ़ाई जारी रहेगी। स्कूल में विद्यार्थी का सेनिटाइजेशन, थर्मल स्कैनिंग जरूरी होगी। इस दौरान कोविड गाइडलाइन नियमों की पालना करनी होगी। विद्यालयों में बच्चों के लिए कक्षा लगाने का समय सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक रहेगा।
आने वाले दिनों में बढ़ेगी विद्यार्थियों की संख्या
बीईओ सुशील कुमार जैन ने बताया कि सोमवार को पहली से तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए नियमित कक्षाएं शुरू हुई हैं। बच्चों की कक्षाओं को लेकर स्कूल संचालकों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई भी स्कूल दिशा-निर्देशों की पालना नहीं करता है उनके खिलाफ विभागी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। किसी भी सूरत में स्कूल संचालक छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। इसके अलावा अभिभावकों की अनुमति होना भी बहुत जरूरी है। आने वाले दिनों में विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा होगा।
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