Sonipat : मंडियों में पड़ा 73 हजार क्विंटल धान, 3 दिनों से किसान भी बने हुए हैं बंधक

Sonipat News : धान निर्यातकों व सरकार के बीच फंसे पेंच ने किसानों, मजदूरों और व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है। निर्यातकों की ओर से धान की खरीद निलंबित किए जाने के कारण तीन दिन से मंडियों में धान की खरीद बंद है। जिले की मंडियों में करीब 73 हजार क्विंटल धान पड़ा हुआ है। जिस कारण किसान परेशान है। बारिश ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी है। मंडियों में आसमान के नीचे खुले में पड़े धान में से करीब 25 हजार क्विंटल धान भीग गया है। वहीं आढ़तियों की तरफ से किसानों के पास फसल नहीं लेकर आने का मैसेज भेजा जा रहा है। खरखौदा मंडी में लगातार दूसरे दिन किसानों का धरना जारी रहा और गोहाना मंडी में किसानों ने खरीद शुरू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जिले में अब तक 1 लाख 17 हजार 987 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है।
धान निर्यात पर लगे बैन के विरोध में निर्यातकों ने मंडियों में से धान की खरीद करनी बंद कर दी है। खरीद प्रक्रिया से निर्यातकों के हाथ पीछे खींचने के बाद आढ़तियों ने भी धान की खरीद को बंद कर दिया है। जिसके कारण सोनीपत अनाज मंडी सहित जिले की अधिकतर मंडियों में से ही धान की खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। किसान अपनी फसलों के साथ तीन दिनों से मंडी में फंसे हुए हैं। सोनीपत अनाज मंडी में तीन दिन से खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है। जिसके चलते किसानों की चिंता काफी बढ़ गई है। किसान एक तरफ जहां खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ किसानों को बरसात का डर भी सता रहा है। किसानों को नमी बढ़ने से दान के भावों में भी गिरावट आने का खतरा सता रहा है। खरीद बंद होने से पहले सोनीपत जिले में 1 लाख 17 हजार 987 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इसमें से सबसे अधिक खरीद धान की किस्म 1509 की हुई है। उक्त किस्म की अब तक जिले की विभिन्न मंडियों में 1 से लाख 11 हजार 504 मीट्रिक टन खरीद हो चुकी है। जिले में करीबन 4 लाख की आवक पहुंच चुकी है।
बूंदाबादी से बढ़ी किसानों व आढ़तियों की परेशानी
बूंदाबांदी के कारण किसानों व आढ़ियों की परेशानी बढ़ रही है। किसान बूंदाबांदी में फसलों की कटाई व कढ़ाई नहीं करा रहे हैं, वहीं मंडी में पड़ी धान की फसल नमी की वजह से खराब होने का भय है। कुछ फसल को नमी के कारण काली भी होने लगी है। जिससे व्यापारियों की तरफ से फसल का उचित भाव नहीं मिल पाएगा।
सोनीपत अनाज मंडी में भी हड़ताल का असर है। हड़ताल खत्म होने के बाद काम सुचारू हो जाएगा। मंडी में फसल के रखरखाव की जिम्मेदारी आढ़तियों और व्यापारियों की है। प्रदेश भर में धान की खरीद प्रभावित है। - ज्योति मोर, सचिव, मार्केट कमेटी।
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