सोनीपत : नागरिक अस्पताल में अव्यवस्था, मोर्चरी में चार फ्रीजर तीन सप्ताह से खराब

सोनीपत : नागरिक अस्पताल में अव्यवस्था, मोर्चरी में चार फ्रीजर तीन सप्ताह से खराब
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चिकित्सक की तरफ से पत्र के माध्यम से प्रबंधन को बार-बार अवगत करवाया जा रहा है, लेकिन प्रबंधन की तरफ से फ्रीजरों को ठीक करवाने के मामले में महज आश्वासन ही रहा है। मजबूरन शवों को फर्श व रैंप पर रखा जा रहा है।

सोनीपत। जिला नागरिक अस्पताल सोनीपत के शवगृह में तीन सप्ताह से फ्रीजर खराब है। मोर्चरी में तैनात चिकित्सक इस संबंध पत्र के जरिए प्रबंधन को अवगत करवा चुके है, लेकिन प्रबंधन की तरफ से फ्रीजर ठीक करवाने के लिए कदम नहीं उठाएं जा रहे है। हालांकि इस संबंध में कार्यकारी प्रधान चिकित्सक ने मोर्चरी में चार नए फ्रीजर रखवाने की योजना के बारे में अवगत करवाया। ताकि अस्पताल में आने वाले शवों को सुरक्षित शवगृह में रखा जा सके।

बता दें कि जिले में कई बार बड़ी दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या की घटना होने पर शवों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में शवों को सुरक्षित रखना काफी चुनौती पूर्ण कार्य हो जाता है। गर्मियों में यह परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। कारण फ्रीजर की संख्या कम पड़ना है। जिसके चलते शव को फर्श या रैंप रखा जाता है। ऐसे में शव को चूहों व अन्य किट से नुकसान पहुंचाने का अंदेशा रहता है। अस्पताल में मौजूदा समय में हर रोज चार से छह पोस्टमार्टम करने की संख्या बनी रहती है। प्रबंधन की तरफ से शवगृह (मोर्चरी) में आठ फ्रीजर शवों को सुरक्षित रखने के लिए स्थापित किए हुए है। जिनमें से चार फ्रीजर करीब तीन सप्ताह से खराब चल रहे है। चिकित्सक की तरफ से पत्र के माध्यम से प्रबंधन को बार-बार अवगत करवाया जा रहा है, लेकिन प्रबंधन की तरफ से फ्रीजरों को ठीक करवाने के मामले में महज आश्वासन ही रहा है। मजबूरन शवों को फर्श व रैंप पर रखा जा रहा है।

मार्चरी हाउस में कुल आठ फ्रीजर, नए चार स्थापित करने की योजना

नागरिक अस्पताल के शव गृह में फिलहाल 8 फ्रीजर है। जिनमें से चार फ्रीजर काफी दिनों से खराब चल रहे है। मिल जानकारी के अनुसार अब इनकी संख्या बढ़ाकर 12 की जाएगी। चार हो फ्रीजर आने से समस्या लगभग दूर होगी। इसके लिए विभाग ने डिमांड भेजी थी। जिसे प्रबंधन की तरफ से जल्द पूरी करने की बात कही जा रही है। हालांकि चार खराब फ्रीजर को लेकर भी अस्पताल प्रबंधन जल्द ठीक करवाने का राग अलाप रहा है।

अनजान शव की पहचान के लिए 72 घंटे तक होता है रखना

मिली जानकारी के अनुसार जिले में अलग-अलग सड़क हादसों में शव की हालत क्षतिग्रस्त हो जाती है। ज्यादातर रेलवे ट्रैक पर हुए हादसे व सड़क हादसों व नदी, नालों में मिलने वाले शवों की पहचान करना पुलिस के लिए चुनौती होता है। जल्द शव की पहचान नहीं हो पाती। शव को 72 घंटे तक पहचान के लिए नागरिक अस्पताल के शवगृह (मोर्चरी) में रखना पड़ता है। फ्रीजर खाली न होने से गर्मी में शव को सुरक्षित रखना काफी चुनौती पूर्ण हो जाता है। ऐसे में बाहर से बर्फ लाकर शव के पास लगाई जाती है। ताकि शव सुरक्षित रह सके। हालांकि सर्दी के मौसम में शव जल्द खराब नहीं होता है।

शवगृह में स्थापित फ्रीजर के खराब होने की जानकारी मिल चुकी है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। साथ ही चार नए फ्रीजर स्थापित करने की योजना को अमल में लाया जा रहा है। चार नए फ्रीजर लगने से संख्या-12 हो जाएगी। जिसके बाद काफी हद तक समस्या को दूर हो सकेगी। - डा. गिन्नी लांबा, प्रधान चिकित्सक अधिकारी नागरिक अस्पताल।


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