Sonipat : 15 लाख के इनाम का झांसा देकर साढे 3 लाख की ठगी

- भठगांव के ग्रामीण के साथ हुई ठगी, फर्जी भेजा कूपन व पत्र
- पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर दर्ज किया केस, शुरू की जांच पड़ताल
Sonipat : गांव भठगांव के ग्रामीण को कंपनी के मेगा प्राइज शो में 15 लाख रुपए के इनाम का झांसा देकर 3.52 लाख रुपए की ठगी की गई। पीड़ित को केरल के वेद ऋषि आयुर्वेद संस्थान के नाम पर झांसे में लेकर ठगी की गई। उन्हें फर्जी कूपन और पत्र भेजकर झांसे में लिया। इनामी राशि देने के लिए अलग-अलग टैक्स के नाम पर रुपए लिए गए। आरोपी अभी भी उनसे रुपए की मांग कर रहे है। पीड़ित ने ठगी का पता लगने पर पुलिस को शिकायत देकर मुकदमा दर्ज कराया है।
गांव भठगांव निवासी धर्मचंद ने सदर थाना पुलिस को बताया कि उनके पास 21 मार्च को एक कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को केरल के वेद ऋषि आयुर्वेद संस्थान का अधिकारी जितेंद्र कुमार बताया। उसने बताया कि आपका मोबाइल नंबर उनके संस्थान के मेगा प्राइज शो में चयनित हुआ है। संस्थान आपको कुछ इनाम देना चाहती है, जिसके लिए आपके पास 15-20 दिन में एक पत्र भेजा जाएगा। पत्र आने पर आप उन्हें बता देना। जब पत्र आया तो उसमें एक कूपन निकला। जिसके बारे में जितेंद्र नाम के शख्स को बता दिया। जितेंद्र ने कूपन को स्क्रैच करने को कहा। उस पर प्राइज का कोड और इनाम की राशि लिखी मिली। जितेंद्र ने बताया कि आपका 14 लाख 99 हजार रुपए का इनाम है। इसको लेने के लिए नौ हजार रुपए प्रोसेसिंग फीस और 15 हजार रुपए जीएसटी देना होगा। इसके बाद उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप के जरिए अजय नाम के व्यक्ति का बैंक अकाउंट नंबर भेजा गया। जिसका पता मुंबई का बताया गया था।
उस अकाउंट में उसने अपने गांव की बैंक शाखा से रुपए भेज दिए। अगले दिन जितेंद्र और पंकज सिंह भदौरिया ने फोन करके 29,980 रुपए टीडीएस के जमा करवाने को कहा। जिसके बाद उसने उनकी और से मुहैया कराएं गए निजामुद्दीन के मुंबई के एचडीएफसी शाखा के बैंक अकाउंट में पैसे भेज दिए। उनका दोबारा फोन आया कि आपका चेक तैयार हो गया है। उसको क्लियर कराने के लिए 73, 245 रुपए और जमा करवाने है। पीड़ित ने बताया कि यह रुपए भी उसने उनके बताए गए खाते में भेज दिए। आरोपियों की ओर से कहा गया कि 15 लाख 42 हजार रुपए जल्द ही उसके खाते में भेज दिए जाएंगे। बाद में एक फिर उनका फोन आया और कहा कि 28 हजार रुपए कोर्ट का चार्ज जमा करवाना होगा। उसने यह रुपए भी उनके खाते में डाल दिए। बाद में पंकज और जितेंद्र का फोन आया कि 97, 240 रुपए अंतिम चार्ज भेजना होगा। मना करने पर उन्होंने आरबीआई का गारंटी पत्र उनको भेज दिया। जिसके चलते उसने 31 मई को यह रुपए भी खाते में भेज दिए।
उसके बाद 70 हजार रुपए मांगे गए तो उन्होंने मना कर दिया। इस पर 4 सितंबर को आलोक वर्मा का फोन आया और उसने कहा कि आप केवल 50 हजार जमा करा देना और वह देख लेंगे। जिसके बाद फिर से 21 सितंबर को फोन आया कि 27 हजार रुपए और खाते में जमा करवा दो। उसने रुपए जमा करवा दिए। उन्होंने फिर कहा कि आपने पैसे देरी से जमा कराए है। इसके लिए आपने चेक क्लियर कराने के लिए 23 हजार रुपए का फाइन भरना होगा। जिस पर उसने 22 सितंबर को 23 हजार रुपए उनके खाते में भेज दिए। उसके बाद भी खाते में रुपए नहीं आए तो उसे शक हुआ। आरोपियों ने उनसे 3 52 505 रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।
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