Sonipat: कैंटर मालिक के हत्यारे का अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा, दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया

Sonipat: कैंटर मालिक के हत्यारे का अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा, दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
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हरियाणा के सोनीपत जिले में कैंटर मालिक की गला दबाकर व ईंट मारकर हत्या कर दी गई। अदालत ने मामले में शामिल आरोपित को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत: सदर थाना क्षेत्र में कैंटर मालिक की गला दबाकर व ईंट मारकर हत्या करने की वारदात में शामिल आरोपित को दोषी करार दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद गोयल की अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि अदा न करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

गांव रिंढाणा निवासी रामचंद्र ने 31 अक्तूबर, 2018 ने बताया कि उसका चचेरा भाई शमशेर पुत्र साहब सिंह गांव के ही शमशेर पुत्र छोटूराम के साथ कैंटर लेकर 30 अक्तूबर, 2018 को पासिंग कराने के लिए सोनीपत बाईपास पर आया था। दिन में गाड़ी की पासिंग कराने के बाद देर शाम को उसके भाई शमशेर ने अपने चालक बिजेंद्र को बुलवा लिया था। वहां से शमशेर फोटो स्टेट कराने के लिए कागज लेकर जाहरी बाईपास की तरफ गया था। इसी बीच बिजेंद्र ने देखा था कि उनके गांव का ही अंकुश उसे जाहरी बाईपास पर आगे की तरफ ले गया था। अंकुश व शमशेर के परिवार का पहले कई बार झगड़ा हो चुका था।

जिस पर बिजेंद्र ने शमशेर को लेकर जाने की जानकारी रामचंद्र को दी थी। रामचंद्र व अन्य परिजन जब शमशेर को तलाश करते हुए आए थे तो जाहरी बाईपास पर उन्हें देर रात शमशेर का शव मिला था। उसके गर्दन, चेहरे व सिर पर चोट के निशान थे। उसकी गला दबाकर व ईंट से हमला कर हत्या की गई थी। पुलिस ने रामचंद्र के बयान पर अंकुश व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। रामचंद्र ने पुलिस को बताया था कि पहले गांव के अंकुश व उसके परिजन उसके भाई शमशेर के घर के पास रहते थे। उन्होंने गली में चबूतरा बना रखा था। गली निर्माण के दौरान इसे लेकर आरोपितों का उसके भाई शमशेर से झगड़ा हो गया था।

शमशेर ने पंचायत में शिकायत देकर चबूतरा हटवाकर गली का निर्माण कराया था। डेढ़-दो माह पहले हुई घटना के बाद आरोपी गांव छोड़कर सोनीपत की इंडियन कॉलोनी में आकर रहने लगे थे। इसी रंजिश में उसके चचेरे भाई की हत्या की गई। मामले में कार्रवाई करते हुए तत्कालीन सदर थाना प्रभारी रमेश चंद्र की टीम ने आरोपित अंकुश को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपित ने रंजिश के चलते वारदात को अंजाम देना कुबूल किया था। पुलिस ने उसे अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। मामले में सुनवाई करते हुए सेशन जज प्रमोद गोयल की अदालत ने आरोपित अंकुश को दोषी करार दिया। अदालत ने दोषी को उम्रकैद व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी है। जुर्माना राशि अदा न करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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