Sonipat : बैटरी खत्म होने पर वापस आ जाएगा अपने स्थान पर ड्रोन

Sonipat : बैटरी खत्म होने पर वापस आ जाएगा अपने स्थान पर ड्रोन
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  • 10 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा में भी रहेगा स्टेबल
  • डीसीआरयूएसटी के विद्यार्थियों ने बनाया खास ड्रोन, कुलपति ने दी बधाई

Sonipat : दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल के इंक्यूबेशन सेंटर के विद्यार्थियों ने ड्रोन बनाया है जो 10 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा में भी स्टेबल रह सकता है। ड्रोन जीपीएस के माध्यम से अपने गंतव्य स्थान पर जा सकता है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भविष्य में सीमाओं के लिए सुरक्षा उपकरण बनाने पर कार्य प्रारंभ कर दिया है।

इंक्यूबेशन सेंटर में थिंक बोट सोसाइटी के विद्यार्थी वंश बत्रा के नेतृत्व में एक ड्रोन बनाया है। प्रथम चरण में विद्यार्थियों ने माइक्रो कंट्रोलर का ड्रोन बनाने में उपयोग किया। उसमें आई कमियों को दूर करके फ्लाइट कंट्रोलर लगाकर ड्रोन बनाया। ड्रोन को लेकर कोडिंग वंश बत्रा ने स्वयं की है। ड्रोन की विशेषता यह है कि ये 10 से 15 किलोमीटर तेज गति की हवा में भी स्टेबल रह सकता है। जीपीएस के माध्यम से ड्रोन अपने गंतव्य स्थान तक जाकर वापस आ सकता है। वंश ने बताया कि वर्तमान समय में ड्रोन 500 मीटर की ऊंचाई तक व एक किलोमीटर दूर तक जा सकता है। वर्तमान समय में यह ड्रोन दस मिनट तक उड़ सकता है। उन्होंने बताया कि भविष्य में ड्रोन की बैटरी में बदलाव करके एक घंटे तक निरंतर उड़ाने की योजना है, साथ ही इसकी दूरी की रेंज 5 किलोमीटर तक करने की योजना है।

अगर गंतव्य स्थान तक जाने के मार्ग में कोई अवरोध आएगा, तो ड्रोन स्वयं अपनी दिशा बदल कर गंतव्य स्थान तक पहुंच जाएगा। ड्रोन में अन्य बदलाव करने की योजना है ताकि अन्य जगह पर भी इसका सदुपयोग हो सके। कुलपति प्रो. प्रकाश सिंह ने कहा कि विद्यार्थी अपने आडिया लेकर आएं व उस पर कार्य करें। विश्वविद्यालय की तरफ से प्रयास किए जाएंगे कि विद्यार्थियों की हर संभव मदद हो सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इंक्यूबेशन सेंटर के साथ जल्द ही एक मीटिंग का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूर्व में हुए कार्य व भविष्य में क्या-क्या करने की योजना है, इस पर विचार किया जाएगा।

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