Sonipat मिल पेराई सत्र : यार्ड में गन्ने की कमी के चलते मिल हुआ नो-केन, प्रबंधन गन्ने के आने का कर रहा इंतजार

- रविवार को महज 5650 क्विंटल गन्ने की हो पाई पेराई, देर शाम तक करीब 2820 क्विंटल गन्ना पहुंचा
- 2023-24 पेराई सत्र के लिए प्रबंधन ने गन्ना उत्पादकों के साथ 32 लाख 50 हजार क्विंटल गन्ने का किया हुआ है करार
Sonipat : दी सहकारिता चीनी मिल का पेराई सत्र 2023-24 शुरू होने के साथ ही समस्याओं को पैदा करने लगा है। कारखाने के अंदर जूस कवाड बॉडी फटने से पेराई सत्र को शुरूआती दिनों में रोकना पड़ा था। वहीं रविवार को मिल का पेराई सत्र यार्ड में गन्ना न होने के चलते रोकना पड़ रहा है। प्रबंधन को यार्ड में गन्ने का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं गन्ना उत्पादकों को गन्ना छुलाई के लिए श्रमिक न मिलने के चलते छुलाई नहीं हो पा रही है। यार्ड में महज 2820 क्विंटल गन्ना ही देर शाम तक जमा हो पाया। मिल प्रबंधन बार-बार गन्ना उत्पादकों को समय पर गन्ना लाने की अपील कर रहा है।
बता दें कि हर वर्ष सोनीपत चीनी मिल के पेराई सत्र वर्ष 2022-23 का विधिवत 23 नवंबर को सांसद रमेश कौशिक के हाथों से करवाया गया। हालांकि यार्ड में गन्ना न होने के चलते पेराई सत्र को आगामी आदेशों तक रोक दिया गया था। सोमवार को यार्ड में गन्ना पर्याप्त मात्र में पहुंच गया, लेकिन दोपहर को कारखाने में जूस कवाड बॉडी के फटने से पेराई सत्र को रोक दिया गया था। कवाड बॉडी ठीक होने के बाद पेराई सत्र कई दिनों से सुचारू रूप से चलाया। मिल प्रबधंन की तरफ से अब तक चले पेराई सत्र में 88 हजार दो सौ 16 क्विंटल गन्ने की पेराई कर चुका है। रविवार को मिल यार्ड में गन्ना न होने के चलते पेराई सत्र को रोकने पर मजबूर होना पड़ा।
22 हजार प्रतिदिन पेराई की क्षमता
पेराई सत्र 2023-24 के अंतर्गत 32 लाख 50 हजार क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने भरोसा दिया कि बिना किसी व्यवधान के यह लक्ष्य हासिल किया जाएगा। गत वर्ष 30 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई से तीन लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मिल की पेराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। इस समय मिल के पास 1892 किसान पंजीकृत है, जिन्होंने अपने खेतों में गन्ना बोया हुआ है।
गन्ना उत्पादकों को नहीं मिल रहे श्रमिक
गांव जुआं निवासी सोमबीर, कृष्ण, रोहताश, अनुज, अमन व करेवड़ी निवासी सितेंद्र, मोहन व राजबीर व बड़ौली निवासी धनपत, संदीप, महबीर ने बताया कि क्षेत्र में श्रमिक की समस्या बनी हुई है। छुलाई के लिए श्रमिक न मिलने के चलते उन्हें परेशानी का सामना करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जिसके चलते मिल में गन्ना नहीं पहुंच रहा है। गन्ना उत्पादकों की मजबूरी है, लेकिन समय रहते वह मिल में गन्ना पहुंचा रहे है।
गन्ने की कमी के चलते पेराई सत्र हुआ नो केन : संजय सिंह
चीनी मिल सोनीपत के महाप्रबंधक संजय सिंह ने बताया कि यार्ड में गन्ने की कमी के चलते पेराई सत्र नो-केन हो गया। जिसके चलते पेराई सत्र को रोकना पड़ा है। देर शाम तक यार्ड में करीब 3 हजार क्विंटल गन्ना ही पहुंचा है। समय रहते गन्ना उत्पादकों को पर्चियां जारी की जा रही है। यार्ड में गन्ना जमा होने के बाद पेराई सत्र को चला दिया जायेगा। गन्ना उत्पादकों से अपील है। जल्द से जल्द समय पर मिल में गन्ना पहुंचाने का काम करें, ताकि पेराई सत्र को सुचारू रूप से चलाया जा सके।
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