Sonipat : खाद के 51 सैंपलों में से 7 सैंपल मिले फेल, 2 कंपनियों पर 70 हजार का ठोका जुर्माना

Sonipat : खाद के 51 सैंपलों में से 7 सैंपल मिले फेल, 2 कंपनियों पर 70 हजार का ठोका जुर्माना
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  • दवाईयों के 31 सैम्पलों में से एक मिला फेल, कोर्ट में मुकदमा दायर करने की तैयारियों में जुटा कृषि विभाग
  • किसानों को बेहतर खाद व बीच उपलब्ध करवाना कृषि विभाग का उद्देश्य

Sonipat : कृषि विभाग की तरफ से खरीफ सीजन के दौरान किसानों को कम गुणवत्ता का खाद, बीज व दवाइंया बेचकर मुनाफा करवाने वाली निर्माता कंपनियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया। विभागीय कर्मचारियों की तरफ से लिए सैंपलों की जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग के उच्च अधिकारी की तरफ से दो कंपनियों पर जुर्माना ठोका गया है। एक कंपनी पर 20 हजार तो दूसरी पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।

बता दें कि खरीफ सीजन के दौरान किसानों को बेहतर गुणवत्ता का खाद, बीज व दवाइयां उपलब्ध हो सके, इसके लिए कृषि विभाग (Agriculture Department) द्वारा विशेष टीमों का गठन कर छापेमारी अभियान चलाया गया था। जिसके तहत अब तक खाद के 55 सैंपल लिए जा चुके है। इन सैम्पलों को विभाग ने जांच के लिए लैब में भेजा था। जहां से 51 सैंपलों की रिपोर्ट कृषि विभाग को प्राप्त हो गई है। उक्त रिपोर्ट में 7 सैंपल फेल पाए गए है। जिनके खिलाफ कृषि विभाग ने कार्रवाई की है।

बीज के भी दो सैंपल की निम्न स्तर की रिपोर्ट

खाद के साथ-साथ कृषि विभाग की टीम ने बीज के सैंपल भी इकट्ठे किए थे। कृषि विभाग की टीम ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लिए गए 61 सैंपलों को जांच के लिए लैब में भेजा था। बुधवार तक 47 सैंपलों की रिपोर्ट कृषि विभाग को प्राप्त हो गई। इनमे से 2 सैंपल फेल पाए गए है। जिनके खिलाफ नोटिस जारी करने का फैसला विभाग ने किया है। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग द्वारा दवाइयों के 41 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 31 सैंपलों की रिपोर्ट कृषि विभाग को प्राप्त हो गई है। रिपोर्ट में एक सैंपल फेल पाया गया है। जिसके खिलाफ कृषि विभाग ने कोर्ट में मुकदमा दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है।

जिले में एक लाख हैक्टेयर भूमि पर किसान उगाएंगे धान

खरीफ सीजन के दौरान सोनीपत जिले में कृषि विभाग द्वारा लगभग 1 लाख हैक्टेयर भूमि में धान उगाने का लक्ष्य रखा है। इसके अतिरिक्त 10 हजार हैक्टेयर भूमि में किसान ज्वार आदि हरे चारे की फसल उगाते है। करीब 7 हजार हैक्टेयर भूमि में किसान कपास जिले में उगाते है। ऐसे में खरीफ सीजन के तहत मई-जून माह में बीज, खाद व दवाइयों की खपत काफी अधिक होती है। कृषि विभाग ने किसानों का आह्वान किया है कि वे बीज, खाद, दवाइयां खरीदते वक्त पक्का बिल प्राप्त करे।

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