Sonipat : शोधार्थी डाॅ. पांचाल को मिला 1.30 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट

- दूषित पानी को साफ करने के साथ कोरोना वायरस के रोकथाम पर शोध करेंगी डाॅ. पांचाल
- दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने दी शोधार्थी को बधाई
Sonipat : दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल की शोधार्थी डाॅ. प्रियंका पांचाल को 1.30 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट मिला है। डाॅ. पांचाल अपना शोध यूरोप के प्रख्यात विश्वविद्यालय एस्टोनिया यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ सांइसेज में करेंगी। उनके शोध कार्य की समय अवधि दो वर्ष की रहेगी। इस दौरान विवि के कुलपति ने डाॅ. पांचाल को बधाई दी व उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।
डाॅ. पांचाल औषधि वाले पौधों से नैनो पार्टिकल के फोटोकैटालिस्ट बनाकर प्रदूषित जल को सूर्य की किरणों के माध्यम से साफ करने पर शोध करेगी, जो पर्यावरण के अनुकूल होगा। जिसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का प्रयोग नहीं होगा। उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. एसपी नेहरा के दिशा-निर्देशन में शोध कार्य किया है। उनके 18 शोध पत्र विश्व के प्रतिष्ठित शोध पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। विश्वविद्यालय की शोधार्थी डाॅ. पांचाल ने अपना प्रोजेक्ट मैरी स्कोलोडोव्स्का क्यूरी एक्शन स्कीम में डाॅ. नेहरा के निर्देशन में आवेदन किया था। मेरी क्यूरी फेलोशिप विश्व की सर्वश्रेष्ठ प्रतिष्ठित फैलोशिप है। इस फेलोशिप में योग्यता पूर्ण करने के बाद एस्टोनियन रिसर्च काउंसिल द्वारा डाॅ. पांचाल के प्रोजेक्ट को 1.30 करोड़ रुपए की फंडिंग के लिए चुना गया। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत डाॅ. पांचाल यूरोप के एस्टोनिया देश के एस्टोनिया यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ साइंसेज में मुख्य शोधकर्ता के रूप में अनुसंधान करेंगी।
जल को कीटाणु रहित करेंगे
डाॅ. पांचाल अपने अनुसंधान के दौरान औषधी वाले पौधों से ग्रेफाइटिक कार्बन नाइट्राइड फोटोकेटालिस्ट बनाएंगी, जिसके माध्यम से जल को कीटाणु रहित, प्रदूषित जल को साफ करने तथा साथ-साथ हाइड्रोजन बनाने पर अनुसंधान करेंगी। इस अनुसंधान में कोरोना वायरस के विरोध में एंटीवायरल एक्टिविटी को चैक करने पर भी शोध कार्य किया जाएगा।
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