सोनीपत चीनी मिल : छह दिनों बाद गन्ना पेराई सत्र पटरी पर लौटा, मिल प्रबंधन ने 29 जनवरी तक खोली पर्चियां

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत। प्रदेश में गन्ने के भाव को बढ़ाने की मांग को लेकर किसानों का धरना खत्म हो गया। छह दिनों तक मिल पेराई सत्र बंद रहने की वजह से खत्म हुए तय सीमा को मिल प्रबंधन की तरफ से बढ़ाया गया है। मिल प्रबंधन की तरफ से 29 जनवरी तक पर्ची खोलने का फैसला लिया है। जिसके बाद से गन्ना उत्पादकों ने राहत की सांस ली है। ऐसे में जिन किसानों की पर्चियां अब तक पेंडिंग है, वे किसान 29 जनवरी तक अपनी पर्ची पर गन्ना मिल में डाल सकते है।
बता दें कि प्रदेश में गन्ने के भाव बढ़ाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन चढूनी से जुड़े किसानों ने 20 जनवरी को सोनीपत चीनी मिल के गेट पर विरोध स्वरूप ताला जड़ दिया था। किसानों ने गेट पर धरना शुरू करते हुए यार्ड में गन्ने को जाने से रोक दिया था। जिसके चलते 21 जनवरी की सुबह सोनीपत चीनी मिल में नो केन की स्थिति पैदा हो गई। जिसके बाद से ही पेराई का काम बंद पड़ा हुआ था। शनिवार को भी काफी संख्या में किसान गन्ना लेकर पहुंचे। जिसकी वजह से सुबह 11 बजे तक यार्ड में 12 हजार क्विंटल गन्ना जमा हो गया था। पेराई सत्र शुरू होने के बाद से पेराई सत्र सुचारू रूप से चल रहा है।
हड़ताल खत्म होने के बाद पेराई सत्र ने पकड़ी रफ्तार
मिल प्रबंधन की तरफ से गन्ना उत्पादकों के साथ पेराई सत्र वर्ष 2022-23 में 36 लाख क्विंटल गन्ने का करार हुआ है। गन्ने के भाव बढ़ाने को लेकर किसानों ने धरना शुरू कर दिया। धरना प्रदर्शन समाप्त होने के बाद मिल में पेराई के काम ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पेराई शुरू होने के बाद 24 घंटे के अंदर मिल में 20 हजार 849 क्विंटल गन्ने की पेराई की गई है। अब तक 12 लाख 20 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई का काम पूरा हो चुका है। मिल प्रशासन ने मौजूदा पेराई सत्र के लिए करीब 36 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई का लक्ष्य रखा है।
गन्ने के भाव बढ़ाने की मांग को लेकर किसानों ने मिल के गेट को बंद कर दिया था। जिसकी वजह से पेराई सत्र बंद पड़ा था। कई दिनों तक पेराई बंद रहने के कारण पर्चियों की समय सीमा को 29 जनवरी तक बढ़ाया गया है, ताकि किसान अपना गन्ना मिल में पहुंचा सके। यार्ड में पर्याप्त गन्ना मौजूद है। एक बार फिर से तेजी से गन्ने की पेराई का काम शुरू कर दिया गया है। समय रहते पेराई सत्र को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। - डा. अनुपमा मलिक, एमडी चीनी मिल सोनीपत।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS