युवक की बेरहमी से पिटाई का मामला : SP ने एसआई को किया सस्पेंड, चार पुलिस कर्मी भी लाइन हाजिर

युवक की बेरहमी से पिटाई का मामला : SP ने एसआई को किया सस्पेंड, चार पुलिस कर्मी भी लाइन हाजिर
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युवक का आरोप है कि पांच पुलिस कर्मियों ने उसे सीआईए-2 में बुलाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की है। वहीं इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप ने मामले के दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी।

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र

चोरी के मोबाइल मामले में अपराध शाखा-दो द्वारा युवक की बेरहमी से पिटाई किए जाने के मामले में पुलिस अधीक्षक डा. अंशु सिंगला ने कड़ा संज्ञान लेते हुए मामले में आरोपी रोहताश की गिरफ्तारी में लापरवाही बरतने के मामले मे अपराध शाखा-2 के उप निरीक्षक दलजीत सिंह को सस्पेड कर दिया है तथा उप निरीक्षक बलवंत सिंह, हवलदार बलदेव सिंह, सिपाही संजीव कुमार व सिपाही दिनेश को लाईन हाजिर कर दिया है। बतां दे कि युवक रोहताश द्वारा पुलिस अपराध शाखा-2 पर बेरहमी से पिटाई का आरोप लगाया था।

युवक का आरोप है कि पांच पुलिस कर्मियों ने उसे सीआईए-2 में बुलाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की है। पिटाई के बाद जब उसकी दोनो टांगें काम करना छोड़ गई तो उसे लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया, जिसे सोमवार सुबह पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया था। इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप ने मामले के दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी। 7बी निवासी पीड़ित रोहताश ने मीडिय़ा को जानकारी देते हुए बताया कि 12 फरवरी को उसके पास सीआईए-2 से फोन आया कि आपके पास चोरी का मोबाइल है और जल्द सीआईए-2 में आ जाएं। रोहताश ने बताया कि वह स्वयं वहां पहुंच गया और पांच पुलिस कर्मियों ने घंटों तक उसको बेरहमी से मारपीट की।

रोहताश आरोप लगाया कि नशे की हालत में पांच पुलिस कर्मियों ने दोनों टांगों को बेरहमी के साथ कुचला। देर रात्रि जब वह चल भी नही सकता था तो पुलिस कर्मियों ने उसे भागने को कहा लेकिन वह चल नही पा रहा था। इस पर पुलिस कर्मी रोहताश को सिविल अस्पताल में ले गए जहां उसे एडमिट कर लिया गया। अस्पताल मेें युवक का हाल-चाल जानने पहुंचे इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप ने बताया कि कश्यप समाज के युवक को अपराध शाखा की टीम द्वारा जिस तरह से टॉर्चर किया गया है। यह बेहद ही निंदनीय घटना है। कहा कि अगर युवक ने चोरी का मोबाइल खरीदा भी है तो पुलिस को उस पर फर्स्ट चोरी का मामला दर्ज करना चाहिए था लेकिन इस तरह थर्ड डिग्री देना गलत है।

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