कपास एवं मूंग की फसलों में हुए नुकसान की होगी विशेष गिरदावरी, 15 अक्टूबर तक भेजनी होगी रिपोर्ट

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में 5 सितम्बर 2021 से लेकर अब तक भारी वर्षा और सेम के कारण कपास एवं मूंग की फसलों को हुए नुकसान को आंकने के लिए विशेष गिरदावरी करवाने और उसकी रिपोर्ट 15 अक्तूबर तक भेजने के निर्देश दिए हैं ताकि गिरदावरी के बाद किसानों को समय पर मुआवजा दिया जा सके।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस विशेष गिरदावरी के तहत उन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जहां कपास और मूंग की फसलों का खराबा 25 प्रतिशत या इससे अधिक है। उन्होंने बताया कि मूंग की फसल के खराबे का पता लगाने के लिए राज्य के सभी जिलों में और कपास की फसलों के लिए जिला पंचकूला, अम्बाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर को छोड़कर शेष सभी जिलों में विशेष गिरदावरी की जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि कपास और मूंग की फसलों के खराबे का आकलन 25 से 33 प्रतिशत, 33 से 50 प्रतिशत, 50 से 75 प्रतिशत और 75 से शत-प्रतिशत की श्रेणी में किया जाएगा। सभी राजस्व अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे खराबा से संबंधित गिरदावरी प्रविष्टिïयों की सुपरवाइजरी जांच करें। इसके अतिरिक्त, प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना या किसी अन्य फसल बीमा योजना के तहत कवर खराबा क्षेत्र को इस विशेष गिरदावरी में शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी उपायुक्तों को विशेष गिरदावरी के उपरांत प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के लाभानुभोगी का नाम हटाकर खराबा रिपोर्ट अपने मंडल आयुक्त के माध्यम से 15 अक्तूबर, 2021 तक भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि खराबा प्रविष्टियों का डेटाबेस तैयार करने के लिए एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन विकसित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसे मामलों को गलती से मुआवजा न मिले जहां किसानों ने फसल बीमा के लिए आवेदन किया हुआ है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन में लाभानुभोगियों की सूची के साथ उनका खसरा नम्बर लिखा जाना भी अनिवार्य होगा। डेटा प्रविष्टियों का कार्य पूरा होने के उपरांत समस्त गांव के डेटा का प्रिंट लेकर उसे कृषि विभाग के कृषि विकास अधिकारी या उप-निदेशक को भेजा जाएगा। इस डेटा के आधार पर कृषि विकास अधिकारी या उप-निदेशक उन किसानों के नाम सत्यापित करेगा और सूची से हटाएगा जो प्रधान मंत्री फसल बीाम योजना के तहत आते हैं। इसके अतिरिक्त, विशेष गिरदावरी की सूची को अंतिम रूप दिये जाने से पूर्व 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' की प्रविष्टियों के साथ उसका मिलान कर उसकी दोबारा जांच की जाएगी।
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