दीपावली पर्व को खादी ग्रामोद्योग की खास तैयारी : ब्रांडेड रेडीमेड कपड़ों को टक्कर दे रहे खादी से बने कपड़े

तरुण वधवा. कुरुक्षेत्र। त्योहारों के चलते खादी ग्रामोद्योग ने भी मल्टी नेशनल कंपनियों के ब्रांडेड रेडीमेट कपड़ों को टक्कर देने की तैयारी की है। विशेषकर दीपावली तथा भैया दूज इत्यादि त्योहारों पर तो ब्रांडेड रेडीमेट कपड़ों के मुकाबले के लिए खादी की एक नई रेंज बिक्री के लिए उतारी गई है। 25 से 30 प्रतिशत तक की छूट दी गई है। दीपावली तथा भैया दूज इत्यादि त्योहारों को भी ध्यान में रखते हुए खादी के रंग, डिजाइन एवं त्योहारों पर भारतीय संस्कृति के परिधानों का भी खास ध्यान दिया गया है।
ब्रांडेड रेडीमेट कपड़े कई बार सर्दी के मौसम में त्वचा रोगों का कारण बन जाते हैं लेकिन खादी कपड़े स्वास्थ्य तथा शरीर की रक्षा के मामले में अन्य कपड़ों के मुकाबले में कहीं बेहतर हैं। इन कपड़ों से आदमी के शरीर को किसी भी स्थिति में नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
खादी ग्रामोद्योग संघ नरड़ मिजार्पुर के मुख्य व्यवस्थापक एवं सचिव सतपाल सैनी ने बताया कि गांधी जयंती पखवाड़ा पर खादी कपड़ों पर विशेष रियायत देने के बाद अब सर्दी के मौसम को देखते हुए त्योहारों पर खादी की नई रेंज बिक्री के लिए जारी की है। उन्होंने बताया कि मार्किट में ब्रांडिड रेडीमेट कपड़ों की रेंज को देखते हुए राष्ट्रीय डिजाइनरों द्वारा तैयार खादी के नए डिजाइन हर वर्ग के लोगों के लिए खादी बिक्री केन्द्र तथा शोरुम में उपलब्ध हैं। सैनी ने दावा किया कि खादी के कपड़ों की जो रेंज बिक्री के लिए काऊंटर पर उपलब्ध है, वह किसी भी मामले में राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रांडेड रेडीमेट कपड़ों के मुकाबले में कम नहीं है। खादी के नए डिजाइन के परिधान आम आदमी के बजट के अनुसार ही बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।
सैनी ने कहा कि मार्केट की डिमांड के अनुसार पहले रेडीमेट कपड़ों के मुकाबले खादी के कपड़ों की गुणवत्ता कम थी लेकिन खादी आयोग के निर्देशानुसार खादी यूनिटों में भी काफी प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में खादी उत्पादन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक्स्ट्रा एडवांस टेक्नोलॉजी की मशीनें लगाई गई हैं। उन्होंने बताया कि अब खादी केवल कुछ लोगों तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि ब्रांडेड कंपनियों की भांति इसके भी डिजाइन बहुत आकर्षक हैं और उनकी मांग पूरे भारत वर्ष में ही नहीं विश्व के अन्य देशों में भी बनने लगी है। नई टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए खादी के कपड़ों की डिजाइनिंग करते समय स्टिचिंग और कटिंग का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है कि देश के हर परिवार में सदस्य चाहे हर प्रकार के फैब्रिक्स का शौक रखते हों लेकिन उनके पास एक खादी का कपड़ा भी होना चाहिए। सैनी ने बताया कि जैसे जैसे खादी में डिजाइनिंग और क्वालिटी में सुधार आता जा रहा है, इसकी डिमांड भी बढ़ती जा रही है। आने वाले समय में सुधार की प्रक्रिया के चलते खादी आम लोगों की भी पहली पसंद होगी।
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