सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए लगेंगे स्पीड डिटेक्टर कैमरे

हरिभूमि न्यूज : गुरुग्राम
जिला की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए यहां स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगाए जाएंगे। जिसके लिए दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और वाहन चालक अपने वाहन को निर्धारित गति सीमा में चलाएंगे।
यह निर्णय उपायुक्त डा. यश गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया। उपायुक्त ने स्पीड डिटेक्टर सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत पर बल देते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि 20 स्थानों की सूची तैयार करें जहां पर स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगवाने की जरूरत है। यह कार्य सीएसआर से पूरा करवाने की संभावनाओं का भी पता लगाया जाएगा।
बैठक में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरे संबंधी विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। जीएमडीए के अधिकारी ने बताया कि जिला में 222 स्थानों पर 1200 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना है। जिनमें से 167 स्थानों 800 सीसीटीवी कैमरे चालू स्थिति में हैं तथा 55 स्थानों पर कैमरे लगाने का काम प्रगति पर है। बैठक में राजीव चौक जिसे ब्लैक स्पॉट (जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं) की श्रेणी में रखा गया है, पर सड़क दुर्घटनाएं रोकने संबंधी विषय पर चर्चा की गई। क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण की सचिव धारणा यादव ने बताया कि जिला में सड़क दुर्घटनाओं मे घायल व्यक्तियों का डाटा तैयार करने के लिए निजी अस्पतालों से भी तालमेल स्थापित किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि हरियाणा राज्य परिवहन डिपो गुरुग्राम में कार्यरत ड्राइवरों व कंडक्टरों के लिए भी सप्ताह में दो बार स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जा रहे है
बैठक में उपस्थित क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण की सचिव धारणा यादव ने बताया कि जिला में 5.5 किलोमीटर लंबी मॉडल रोड बनाए जाने की योजना पर काम चल रहा है। इस रोड पर साइनेज, फुट ओवर ब्रिज, पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ, साफ-सफाई, पेड़-पौधे सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उपायुक्त ने अतिरक्ति उपायुक्त, जीएमडीए तथा पुलिस कर्मियों आदि की कमेटी गठित करते हुए जिला में मॉडल रोड की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह रोड अंतर्राष्ट्रीय मानकों अनुसार परिपूर्ण होगी।
इसके अलावा उपायुक्त ने सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी को लेकर जिला में किए गए कार्यों की समीक्षा की। उपायुक्त ने कहा कि इस पॉलिसी की पालना सभी स्कूल संचालकों के लिए अनिवार्य है और इस मामले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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