खेल मंत्री की नसीहत, फर्जी फेडरेशनों के चक्कर में न पड़े अभिभावक

खेल मंत्री की नसीहत, फर्जी फेडरेशनों के चक्कर में न पड़े अभिभावक
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हरियाणा के खेल राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह ने फरीदाबाद की दो बेटियों की आर्थिक मदद को लेकर कहा कि हमारे दरवाजे खिलाड़ियों और मेडल लाने वालों के लिए रात दिन खुले हुए हैं।

योगेंद्र शर्मा: चंडीगढ़

हरियाणा के खेल राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह का कहना है कि खेल नीति के तहत जो भी गेम आएगी उन खिलाड़ियों को लाभ अवश्य मिलेगा। उन्होंने अभिभावकों और खिलाड़ियों को सचेत करते हुए कहा है कि वह फर्जी फेडरेशनों के चक्कर में अपने भविष्य को बर्बाद नहीं करें।

हरियाणा के खेल राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह ने फरीदाबाद की दो बेटियों की आर्थिक मदद को लेकर कहा कि हमारे दरवाजे खिलाड़ियों और मेडल लाने वालों के लिए रात दिन खुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा की खेल नीति पूरी तरह से पारदर्शी और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल लेकर आने वाले खिलाड़ियों के लिए साफ है, केवल उन्हें आवेदन करने की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि मैं खुद और मेरे विभाग के डायरेक्टर खिलाड़ियों के लिए 24 घंटे उपलब्ध है, गोल्ड मेडल जीतकर लाने वालों को हमेशा ही आगे ले जाने की नीति रही है। किक बॉक्सिंग में हरियाणा और देश का नाम रोशन करने वाली दो हरियाणा की बेटियों को लेकर उन्होंने कहा कि उस परिवार को उनके पास आना चाहिए वह पूरी बात सुनेंगे। उक्त गेम पॉलिसी में है या नहीं यह भी देखना होगा बाकी वह उनकी हर संभव सहायता करने का प्रयास करेंगे। इसके साथ ही खेल मंत्री ने चेताया कि उनके पास बहुत सारे परिवार और बच्चे मेडल लेकर आते हैं लेकिन फर्जी फेडरेशन फर्जीवाड़ा करके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गेम करा दें तो इस बात का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने इस प्रकार की फेडरेशन से बचने की सलाह दी है।

यहां पर उल्लेखनीय है कि फरीदाबाद की रहने वाली दो बहनों द्वारा किक बॉक्सिंग में मेडल लेने के बाद सरकार से मदद की मांग की जा रही है। उनकी माता और पिता ने केंद्र और राज्य सरकार से मदद की दरकार की है। दोनों बहनों में बड़ी ने जहां 65 मेडल जीते हैं, वही छोटी बहन भी पीछे नहीं है। उसने अभी तक 21 मेडल जीतकर हरियाणा का नाम रोशन किया है। हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को गत दिवस पत्र लिखा है।

किक बॉक्सिंग की मान्यता पर कुछ तकनीकी पेंच

फरीदाबाद की रहने वाली है और दोनों ही किक बॉक्सिंग में जिला स्तर से लेकर राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन कर चुकी हैं। इनमें बड़ी बहन मोनल और छोटी बहन नीरल कुकरेजा दोनों ही बेहद मेहनत से अपने शहर और प्रदेश का नाम रोशन करने में लगी हैं। उनकी माता निशा कुकरेजा ने बताया कि दोनों बेटियों के सामने कई बार इंटरनेशनल प्रतिस्पर्धा में जाने के लिए आर्थिक चुनौतियां पेश आती हैं। यही कारण है कि रोटरी क्लब के समाज सेवियों ने इन बच्चों का खेल जारी रखने के लिए कई बार मदद की है। दोनों बेटियों की मां ने बताया कि इन्हें लगभग 8 साल बॉक्सिंग करते हुए हो गए हैं। बड़ी बेटी को 5 साल प्रदेश और जिला स्तर पर खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में जाने का मौका मिला था। बड़ी बेटी ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भाग लेकर 4 बार इंडिया के लिए गोल्ड मेडल जीतने का काम किया है। हालांकि उसके पास में अभी तक 65 मेडल है जिसमें गोल्ड सिल्वर सभी प्रकार के मेडल जिला प्रदेश और अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं।

खेल राज्यमंत्री संदीप सिंह ने दिया उदाहरण

खेलों में फर्जी फेडरेशन और खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों को बेवकूफ बनाकर रखा बैठने वाले लोगों से हरियाणा के खेल राज्य मंत्री ने सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि उनके पास रोहतक की रहने वाली एक बिटिया मैं संपर्क साधा था जो पावरलिफ्टिंग बेंच में खेलती है लेकिन उस को मान्यता नहीं होने के कारण से भारी अड़चन है। मंत्री का कहना है कि हमने उसे वेटलिफ्टिंग में प्रयास करने की सलाह दी है क्योंकि इसमें नौकरी कैश अवार्ड सभी कुछ है। उन्होंने कहा कि कुछ फर्जी फेडरेशन भी अपने स्तर पर गेम करवा देती हैं जिससे युवा खिलाड़ी और उनके अभिभावक परेशान होते हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस प्रकार की फेडरेशन ओं से बच कर रहना होगा।

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