Haryana में खेल कोटे से भर्ती कर्मियों की नौकरी खतरे में, जानें क्यों

Haryana में खेल कोटे से भर्ती कर्मियों की नौकरी खतरे में, जानें क्यों
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इन सभी कर्मचारियों को नोटिस भेजेे जा चुके हैं। सर्वकर्मचारी संघ ने कोर्ट से निर्देश आने के बाद भी इन कर्मियों की नौकरी बचाने की अपील की है।

हरियाणा में खेल कोटे से वर्ष 2019 में भर्ती हुए 1518 ग्रुप डी के कर्मचारियों को 25 दिसंबर के बाद किसी भी समय नौकरी से बर्खास्त करने की तैयारी है। इन सभी कर्मचारियों को नोटिस भेजेे जा चुके हैं। सर्वकर्मचारी संघ ने कोर्ट से निर्देश आने के बाद भी इन कर्मियों की नौकरी बचाने की अपील की है।

बताया गया है कि उक्त कार्रवाई हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार की जा रही है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा भर्ती किए कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करवाने को लेकर सरकार ही माननीय हाईकोर्ट की डबल बेंच में गई थी। जबकि सिंगल बेंच ने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला देते हुए नौकरी सुरक्षित की थी। जिसको लेकर इन कर्मियों एवं उनके परिजनों में अपने भविष्य को लेकर हड़कंप मचा हुआ है और भाजपा सरकार के माननीय हाईकोर्ट में रखें गए नकारात्मक रवैए से भारी आक्रोश है। सरकार ने बिना खर्ची और बिना पर्ची के 18218 ग्रुप डी की भर्ती का दावा करके जीन्द उप चुनाव और उसके बाद लोकसभा व विधानसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ लिया था। इसी भर्ती में स्पोर्ट्स कोटे में इन 1518 कर्मचारियों को भर्ती किया था।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने 1518 स्पोर्ट्स कोटे में ग्रुप डी में भर्ती हुए कर्मचारियों की नौकरी जाने के लिए पूरी तरह भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पुरानी खेल ग्रेडेशन पालिसी के तहत प्राप्त ग्रेडेशन सर्टिफिकेट को मान्यता देकर बेकसूर इन कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित करने की मांग की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद नौकरी से निकाला जा रहा 816 निर्दोष ड्राइंग टीचर को भी सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।

प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 29 अगस्त,2018 को ग्रुप डी भर्ती 18218 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें 1518 स्पोर्ट्स कोटे में पद थे। जिसके लिए नई खेल ग्रेडेशन पालिसी के तहत स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की मांग नही की थी। विज्ञापन में केवल खेल ग्रेडेशन पालिसी में स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की मांग की गई थी। 1993 की खेल ग्रेडेशन पालिसी के तहत खेलें खिलाड़ियों ने ग्रेडेशन सर्टिफिकेट दिए और लिखित परीक्षा पास करने के बाद जीन्द उप चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग व विभागों ने इन सर्टिफिकेट की वेरिफिकेशन करने उपरांत ही ड्यूटी ज्वाइंन करवाई थी।

उन्होंने बताया कि सरकार ने सभी नव नियुक्त कर्मचारियों को 25 मई,2018 को जारी नई खेल ग्रेडेशन पालिसी के अनुसार स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट देने की मांग की गई। ऐसा नहीं करने पर उनको नौकरी से बर्खास्त करने के नोटिस जारी किए गए। इन नोटिसों के खिलाफ प्रभावित कर्मचारियों को माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा। सिंगल बेंच से 5 जुलाई,2019 को कर्मचारियों को राहत मिली और उनकी अपील को स्वीकार किया गया।

इस निर्णय के खिलाफ हरियाणा सरकार 23 जुलाई, 2019 को डबल बेंच में चली गई। डबल बेंच ने सरकार के पक्ष में फैसला दिया और 25 मई,2018 को जारी की गई नई खेल ग्रेडेशन पालिसी के अनुसार दिए स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट को ही मान्य मानने के आदेश दिए। माननीय हाईकोर्ट की डबल बेंच ने नई खेल ग्रेडेशन पालिसी के अनुसार सर्टिफिकेट एक महीने में सर्टिफिकेट देने और एक महीने में उनकी जांच करने के आदेश दिए। ऐसा न करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश दिए गए। इन आदेशों के बाद 10 नवंबर को मुख्य सचिव हरियाणा सरकार ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र जारी कर हाईकोर्ट के फैसले अनुसार कार्यवाही करने के आदेश दिए। तदानुसार सभी विभागों में नोटिस जारी कर नई खेल ग्रेडेशन पालिसी के अनुसार ग्रेडेशन सर्टिफिकेट जमा करने के आदेश दिए। ऐसा न करने पर उनकी सेवाएं बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं।

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