स्वास्थ्य केंद्र में नहीं मिला स्टाफ, बैंच पर महिला का प्रसव, नवजात की मौत

स्वास्थ्य केंद्र में नहीं मिला स्टाफ, बैंच पर महिला का प्रसव, नवजात की मौत
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सफीदों के गांव मुआना के स्वास्थ्य केंद्र में अपनी पत्नी को ले गया था कुलदीप, वहां ना तो कोई डाक्टर मिला, ना नर्स मिली और ना ही कोई स्टाफ। फोन करने के बावजूद भी एंबुलेंस तक नहीं पहुंची।

हरिभूमि न्यूज. सफीदों ( जींद)

उपमंडल सफीदों के सबसे बड़े गांव मुआना में मानवता उस वक्त तार-तार हो गई जब एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए गांव के स्वास्थ्य केंद्र में ना तो कोई डाक्टर मिला, ना नर्स मिली और ना ही कोई स्टाफ मिला। फोन करने के बावजूद भी एंबुलेंस तक नहीं पहुंची। परिणाम यह रहा कि महिला अस्पताल के बैंच पर तीन घंटे दर्द से तड़फते हुए जिंदगी और मौत से जुझती रही। आखिकार बैंच पर ही महिला की डिलीवरी हो गई और पैदा हुए बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों ने नागरिक अस्पताल रोष जताया और कार्रवाई की मांग की है।

रविवार दोपहर को गांव मुआना निवासी कुलदीप की पत्नी कृष्णा की डिलीवरी होनी थी। कुलदीप उसे गांव के स्वास्थ्य केंद्र पर ले गया। जब वे वहां पहुंचे तो वहां पर ना तो कोई डॉक्टर, ना नर्स और ना ही कोई स्वास्थ्यकर्मी मिला। वहां पर केवल दो सफाई कर्मचारी मिले। उनसे नर्स का नंबर लेकर फोन मिलाया तो उसने कहा कि उनके पास सोमवार दोपहर दो बजे तक कोई समय नहीं है। इसके बाद एंबुलेंस को फोन किया तो वह भी समय से मौके पर नहीं पहुंची। गर्भवती महिला को अस्पताल के बैंच पर लिटाया और वह दर्द से तीन घंटे तक तड़फती रही लेकिन अस्पताल में कोई स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी नहीं पहुंचा।

आखिरकार तीन घंटों की जद्दोजहद के बाद महिला ने बैंच पर ही बच्चे को जन्म दे दिया और कुछ ही देर में नवजात की मौत हो गई। करीब तीन बजे महिला को उपस्वास्थ्य केंद्र मुआना से सफीदों के नागरिक अस्पताल में लाकर भर्ती करवाया गया। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मांग की कि गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाए। अच्छे चिकित्सकों व स्टाफ की नियुक्ति की जाए। इसके साथ ही इस घटनाक्रम के पीछे दोषी है उसे खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाए। सीएमओ डा. मनजीत सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है और वो इस मामले में जांच करवाएंगे। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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