महम में हुई OBC वर्ग की प्रदेश स्तरीय महापंचायत, देखें क्या मांगें उठाई गई

महम में हुई OBC वर्ग की प्रदेश स्तरीय महापंचायत, देखें क्या मांगें उठाई गई
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महापंचायत को आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्य न्यायधीश वी ईश्वरैया, इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश विरेंद्र सिंह यादव, दिल्ली विवि से डॉ. सूरज यादव और हरियाणा सरकार में पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य रहे तेलू राम जांगड़ा सहित देश व प्रदेश के पिछड़ा वर्ग समाज के कई नेताओं ने संबोधित किया।

हरिभूमि न्यूज : महम ( रोहतक)

रविवार को महम में चौबीसी चबूतरे पर ओबीसी वर्ग की प्रदेश स्तरीय महापंचायत हुई। इस महापंचायत में प्रदेश के कोने-कोने से ओबीसी समाज के लोग पहुंचे। महापंचायत को आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्य न्यायधीश वी ईश्वरैया, इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश विरेंद्र सिंह यादव, दिल्ली विवि से डॉ. सूरज यादव और हरियाणा सरकार में पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य रहे तेलू राम जांगड़ा सहित देश व प्रदेश के पिछड़ा वर्ग समाज के कई नेताओं ने संबोधित किया।

सभी वक्ताओं ने सरकार से ओबीसी जातिगत आधारित जनगणना करने की मांग उठाई। तेलू राम जांगड़ा ने कहा कि 1931 की जनगणना के मुताबिक देश में ओबीसी की जनसंख्या 52 प्रतिशत थी। उसके बाद जातिय जनगणना को लटका दिया गया। सरकार आंकड़े छुपा रही है। सरकार नहीं चाहती कि आपको पता चले कि आपकी संख्या कितनी है। 1931 के बाद ओबीसी की आबादी बढ़ी है। मगर पुरानी गणना को ही मान लिया जाए तो भी 52 प्रतिशत जनसंख्या को आरक्षण 27 प्रतिशत दिया जा रहा है। जो इन जातियों के साथ अन्याय है।

आंध्रप्रदेश के पूर्व न्यायधीश वी ईश्वरैया ने कहा कि गांव स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएं। ओबीसी के लोग चुनाव में स्वर्ण जाति के लोगों को वोट न करें। जब ग्राम पंचायत स्तर पर अपने समाज के लोग चुनकर आएंगे तो सबको आपकी ताकत का पता चल जाएगा। अपने हक लेने के वास्ते इतनी मेहनत करके हजारों लोग अपने राजनैतिक झंडे को छोड़कर यहां एकजुट हुए हैं। इससे लगता है कि सफलता की शुरूआत हो गई है। सत्ता चंद लोगों की मुठ्ठी में है। जातिगत संख्या के आधार पर लोगों को हक नहीं मिल रहा। राजनीति, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और नौकरी आदि में भागीदारी के लिए एकजुट होना होगा। क्रीमीलेयर हटाने के लिए लड़ना होगा। हरियाणा में तो ओबीसी को आरक्षण बिल्कुल भी नहीं दिया जा रहा। यहां न तो पंचायतों में ओबीसी का आरक्षण है और न ही नगर निकाय चुनाव में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। क्लास वन की नौकरियों में भी ओबीसी को आरक्षण नहीं मिल रहा।



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