भवन निर्माण सामग्री के स्टॉक फैला रहे प्रदूषण : रिहायशी इलाके में पड़े अवैध स्टॉक से पर्यावरण व आमजन की सेहत पर पड़ रहा विपरीत असर

भवन निर्माण सामग्री के स्टॉक फैला रहे प्रदूषण : रिहायशी इलाके में पड़े अवैध स्टॉक से पर्यावरण व आमजन की सेहत पर पड़ रहा विपरीत असर
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रिहायशी कॉलोनी में अवैध रूप से चल रहे भवन निर्माण सामग्री के स्टॉक शहर की सूरत और नागरिकों की तबियत बिगाड़ रहे हैं। अवैध स्टॉक में पड़ी निर्माण सामग्री का असर पर्यावरण और सेहत पर पड़ रहा है। इस तरफ प्रशासन का भी कोई ध्यान नहीं है।

हरिभूमि न्यूज बहादुरगढ़ । टूटी सड़क, जाम और गड्ढ़ों से तो शहर के लोग परेशान हैं ही। लेकिन शहर की आवासीय बस्तियों में उड़ती धूल ने भी सड़कों पर चलना मुश्किल कर दिया है। रिहायशी कॉलोनी में अवैध रूप से चल रहे भवन निर्माण सामग्री के स्टॉक शहर की सूरत और नागरिकों की तबियत बिगाड़ रहे हैं। अवैध स्टॉक में पड़ी निर्माण सामग्री का असर पर्यावरण और सेहत पर पड़ना स्वाभाविक है। इसके बावजूद जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस तरफ आंखें मूंदे बैठा है।

आमतौर पर गर्मी में प्रदूषण का लेवल कम हो जाता है। लेकिन धूल-कण के कारण शहर का प्रदूषण लेवल अब भी संतोषजनक नहीं है। शहर के आवासीय इलाके में भारी मात्रा में रोड़ी, डस्ट व रेत आदि प्लाट व सड़क किनारे डाल रखा है। इस अवैध स्टॉक को ढका तक नहीं जाता। धूल से यह उड़ कर आसपास रहने वाले लोगों में श्वास संबंधी परेशानी पैदा कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार 40 से 50 प्रतिशत वायु प्रदूषण की मुख्य वजह धूल कण और खुले में पड़ी निर्माण सामग्री है। सेक्टर-2 निवासी प्रवीण कुमार के अनुसार धूल के कारण आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ बढ़ गई है।

हर जगह सड़कों पर धूल ही धूल उड़ना वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। इसके रोकथाम और इसमें कमी के लिए कहीं कोई प्रयास नहीं दिखता। पहले भी शिकायत होने पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग की कार्रवाई महज नोटिस देने तक सीमित रह गई। नगर के सेक्टर-2 के सामने बेरी रोड की मुख्य सड़क पर भवन निर्माण सामग्री के व्यापारियों द्वारा प्लॉट व उसके बाहर ग्रीन बेल्ट में डस्ट, रेती व मिट्टी डालकर किए जा रहे वायु प्रदूषण की शिकायत पर भी अधिकारी खामोश हैं। स्थानीय लोगों का इस सड़क से गुजरना भी मुश्किल है। आने-जाने वालों की सांस फूलने लगती है। साथ ही यहां रहने वाले लोगों की हालत भी बेहद खराब है।

वरिष्ठ चिकित्सक बिजेंद्र दलाल का कहना है कि प्रदूषण पर नियंत्रण करना है, तो सड़क पर पड़ी निर्माण सामग्री को सबसे पहले हटाना होगा। निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली सामग्री दिन भर उड़कर हवा को प्रदूषित कर रही है। इससे धूल सांस के जरिए हमारे फेफड़ों को जाम कर रही है। साथ ही पर्यावरण को प्रदूषित करने में अहम भूमिका निभा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शक्ति सिंह के अनुसार अवैध रूप से भवन निर्माण सामग्री स्टॉक करने वालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वे भी मानते हैं कि रिहायशी इलाकों में इस तरह का कारोबार अनुचित है। पर्यावरण तथा आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।



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