Straw Management : पराली प्रबंधन के लिए मशीनरी पर अनुदान दे रही सरकार

हरिभूमि न्यूज. जींद
डीसी नरेश नरवाल ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। किसानों को पराली प्रबंधन मशीनरी 50 प्रतिशत अनुदान, किसानों के समूह को कस्टम हायरिंग सेंटरों की स्थापना के लिए 80 प्रतिशत अनुदान तथा फसल अवशेषों को बेल बना कर प्रबंधन करने पर सरकार द्वारा एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। किसान पराली प्रबंधन मशीनरी का प्रयोग कर प्रदूषण से मुक्ति पाने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों को बचा कर फसलों की पैदावार में वृद्घि कर सकते है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षित पर्यावरण के लिए पराली प्रबंधन अपनाएं, फसल अवशेषों को न जलाये, बल्कि इन्हें भूमि में मिलाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं। साथ ही पराली को पशु चारा व अन्य कायोंर् में इस्तेमाल कर किसान मुनाफा कमा सकते हैं। सरकार द्वारा किसानों के लिए फसल प्रबंधन हेतु अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से हानिकारक गैसों से उत्सर्जन से श्वसन रोग बढ़ता है, भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है तथा मित्र कीट नष्ट होते हैं। बेहतर पराली प्रबंधन से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण मिलता है तथा रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होती है। फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृषि उपनिदेशक व सहायक कृषि अभियंता से संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर भी फसल अवशेष प्रबंधन बारे जानकारी हासिल की जा सकती है।
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