सांड ने ले ली जान : चार लोगों पर किया हमला, 91 साल के बुजुर्ग की मौत, तीन पीजीआई रेफर

सांड ने ले ली जान : चार लोगों पर किया हमला, 91 साल के बुजुर्ग की मौत, तीन पीजीआई रेफर
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सांड को पकड़ने के लिए ग्रामीणों को कड़ी मशक्त करनी पड़ी। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन को चाहिए कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाए ताकि ग्रामीणों को परेशानियों ने निजात मिल सके।

हरिभूमि न्यूज. जुलाना ( जींद )

जींद के गांव गतौली में खुले में घूम रहे सांड का आतंक देखने को मिला। इस सांड ने गतौली गांव के चार लोगों को एक ही दिन में टक्कर मार दी। टक्कर लगने से चारों गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया। जिनको गंभीर अवस्था को देखते हुए रोहतक पीजीआई रैफर किया गया। ईलाज के दौरान 91 वर्षीय कर्म सिंह की मौत हो गई। सांड को पकड़ने के लिए ग्रामीणों को कड़ी मशक्त करनी पड़ी। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन को चाहिए कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाए ताकि ग्रामीणों को परेशानियों ने निजात मिल सके। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सांड लोगों के लिए समस्या बना हुआ है। कई बार गांव से आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए शिकायत भी की लेकिन केवल कोरा आस्वासन ही हाथ लगा है। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्त के बाद सांड को पकड़ा। सांड की टक्कर से बलजीत(55), सुरेश(36), जगबीर घायल हो गए। जिनका पीजीआई में ईलाज चल रहा है।

कई लोगों की जिंदगी ले चुके हैं पशु

जुलाना क्षेत्र में कई बार खुले में घूमने वाले पशु सड़क पर लोगों की जिंदगी को रोंद चुके हैं क्योकि जरा सी रात होते ही आवारा पशु सड़क पर आ जाते हैं और रात के समय गाडि़यों की लाइटों में आवारा पशु दिखाई नही देते जिसके चलते रोजाना कोई ना कोई हादसा होता रहता है। तीन साल पहले जुलाना कस्बे में दो लोगों को टक्कर मार कर मौत का ग्रास बना चुके हैं। जुलाना वार्ड नौ पार्ष सुभाष पांचाल ने बताया कि पशुओं को पकड़ने के लिए पांच दिनों तक नपा के पार्षदों ने भूख हड़ताल भी की थी। पांच दिन के बाद तहसीलदार के आश्वासन के बाद भूख हड़ताल को समाप्त किया गया था लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी कोई भी समाधान नही हो पाया है। इस संबंध में जींद के उपायुक्त से मिल कर समस्या के समाधान की गुहार लगाई जाएगी।

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