स्ट्रीट वेंडर्स योजना : 1500 रेहड़ी का रजिस्ट्रेशन, सर्वे के 5 साल बाद भी जगह निर्धारित नहीं कर पाया नगर परिषद प्रशासन

स्ट्रीट वेंडर्स योजना : 1500 रेहड़ी का रजिस्ट्रेशन, सर्वे के 5 साल बाद भी जगह निर्धारित नहीं कर पाया नगर परिषद प्रशासन
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सर्वे के बाद रेहड़ी संचालकों को दो भागों में बांटा गया। इनमें आधे से अधिक रेहड़ी संचालक वह है, जो एक ही जगह पर सुबह से शाम तक खडे़ होकर सामान बेचेंगे। वहीं एक से दूसरे निर्धारित जगह पर घूमकर सामान बेचने के लिए मोबाइल रेहड़ी चिन्हित की गई है।

नारनौल। शहर के सौंदर्यकरण के लिए रेहड़ी संचालकों को जगह देने की योजना स्ट्रीट वेंडर्स के तहत प्रशासन ने तैयार की। नोयडा की रूद्राभिषेक इंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईपीएल) को यह काम सौंपा। इस कंपनी ने साल-2018 में फरवरी से जुलाई माह के बीच सर्वे किया। उस सर्वे में शहर में 776 रेहडि़यों का रजिस्ट्रेशन किया गया। रेहड़ी संचालकों को आस जगी कि उन्हें अब दुकानों के बाहर खड़ी रेहड़ी का मासिक मोटा किराया (दो से 10 हजार) से छुटकारा मिलेगा। सभी रेहड़ियां चिन्हित जगह पर होगी तो ग्राहक अपने आप वहां पहुंचेगा। आमजन को भी लगा कि इससे शहर का सौंदर्यकरण भी होगा। अब तक इस सर्वे को पांच साल का समय बीत चुका है। इन पांच साल में 776 से बढ़कर दोगुना 1500 रेहड़ियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। बावजूद प्रशासन अभी तक शहर में इन रजिस्ट्रेशन रेहड़ी संचालकों के लिए जगह चिन्हित नहीं कर पाया है।

जानकारी के मुताबिक सर्वे के बाद रेहड़ी संचालकों को दो भागों में बांटा गया। इनमें आधे से अधिक रेहड़ी संचालक वह है, जो एक ही जगह पर सुबह से शाम तक खडे़ होकर सामान बेचेंगे। वहीं एक से दूसरे निर्धारित जगह पर घूमकर सामान बेचने के लिए मोबाइल रेहड़ी चिन्हित की गई है। यह मोबाइल रेहड़ी स्टेट हाइवे, नेशनल हाइवे व जाम लगने वाले क्षेत्र से दूर रहेगी। स्कूल, कॉलेज व अस्पताल से 75 मीटर दूर, रेलवे ट्रेक से कम से कम 75 मीटर दूरी तय की गई। जब सर्वें हुआ तो आरईपीएल कंपनी से अर्बन नवीन कुमार व तुलिका गोपाल नारनौल पहुंचे थे और ईओ अभयसिंह के साथ डीआरडीए कार्यालय के साथ लगती दीवार, रोडवेज कार्यशाला के साथ लगती दीवार, चितवन वाटिका के बाहर, हुडा सेक्टर मोड से संवेदना हॉस्पिटल के आस-पास सड़क किनारे, पुलिस लाइन दीवार, महिला आईटीआई व ब्वाय आईटीआई दीवार के साथ लगती जगह को देखा था। बावजूद अभी तक स्थान फाइनल नहीं हो पाई है।

यह तय किए गए है स्ट्रीट वेंडर्स में मापदंड

इस योजना को लागू करने के लिए जिला स्तर पर टाउन वेडिंग कमेटी बनाई गई। निजी कंपनी जगह चिन्हित करने के बाद इस कमेटी को रिपोर्ट देगी। सहमति से जगह चिन्हित होने के बाद मासिक किराया तय किया जाएगा। उस किराया के हिसाब से ही नप परिषद रेहड़ी संचालकों को शौचालय, बिजली, पानी, कूड़ा उठान जैसी सुविधाएं मुहैया करवाएगा। इस तरह रेहड़ी संचालकों को आईकार्ड भी मिलेगा। उसमें फोटो, नाम, पता व मोबाइल नंबर अंकित होगा। कई नियमों के साथ रेहड़ी चालकों के लिए नोटिफिकेशन तैयार किया गया है। स्थाई जगह मिलने के बाद कोई रेहड़ी चालक शहर में कहीं पर भी रेहड़ी लगाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। पहली बार नियम तोड़ने पर एक हजार, दूसरी बार दोगुना व तीसरी बार पांच हजार का जुर्माना लगेगा। चौथी बार नियम तोड़ने पर तीन माह के लिए रेहड़ी नहीं लगाने दी जाएगी। पांचवीं बार नियम का उल्लंघन करने पर हमेशा के लिए वह रेहड़ी नहीं लगा सकेगा। सामान भी जब्त होगा।

रजिस्ट्रेशन के बाद करेंगे दूसरा चरण आरंभ

इस संबंध में योजना को देख रही सुपरवाइजर अन्नु भारद्वाज ने बताया कि स्ट्रीट वेडर्स योजना के तहत नारनौल शहर में अभी तक 1500 रेहड़ी संचालकों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। अभी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है। हम भी चाहते है कि कोई रेहड़ी संचालक रह ना जाए ताकि बाद में उसे किसी दिक्कत का सामना ना करना पड़े। कुल रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद ही उसी संख्या व डिमांड के हिसाब से जगह निर्धारित करने का दूसरा चरण शुरू होगा। इसमें कितना समय लगेगा, अभी कहना संभव नहीं है।

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