कैथल में अवैध कॉलोनियों पर बड़ी कार्रवाई

कैथल : उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि जिला में विकसित हो रही अवैध कॉलोनियों पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। जिला नगर योजनाकार कार्यालय व ड्यूटी मजिस्ट्रेट सुदेश मेहरा के पूरे अमले द्वारा गांव चंदाना में कैथल-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर 1.5 एकड़ भूमि में विकसित हो रही अवैध कॉलोनी में कार्रवाई अमल में लाई गई है। जेसीबी मशीनों के साथ अवैध कॉलोनी व मार्केट को हटाने का कार्य शुक्रवार सुबह 10 बजे शुरू किया गया।
उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि अर्बन एरिया कैथल के अंतर्गत पड़ने वाली राजस्व संपदा गांव चंदाना में कैथल-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर 1.5 एकड़ भूमि पर पनप रही नई अवैध कॉलोनी, मार्केट में तोड़-फोड़ की कार्रवाई की गई। विभाग द्वारा 1.5 एकड़ में पनप रही मिट्टी की सड़कें, 11 निर्माणाधीन दुकानें व एक टायर पंक्चर के खोखे को शुरुआती चरण में पीले पंजे की मदद से तोड़ दिया गया।
उन्होंने बताया कि बिना विभागीय अनुमति के अर्बन ऐरिया कैथल के अंतर्गत पड़ने वाली राजस्व संपदा गांव चंदाना में कैथल-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर 1.5 एकड़ भूमि में विकसित हो रही 11 दुकानें, 1 टायर पंक्चर का खोखा व मिट्टी की सड़के बनाकर अवैध कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा था, जिसके उपरांत विभाग द्वारा भूस्वामी और प्रॉपर्टी डीलरों को एचडीआर एक्ट 1975 की धाराओं के तहत नोटिस जारी करके कॉलोनी विकसित करने के लिए जरूरी अनुमति प्राप्त करने वाले आदेश दिए गए थे, परंतु भूस्वामी और प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा न तो मौके पर बनाई जा रही अवैध कालोनी का निर्माण रोका और न ही विभाग से किसी प्रकार की अनुमति ली।
प्रॉपर्टी डीलरों के बहकावे में न आए : जिला नगर योजनाकार अनिल कुमार नरवाल ने बताया कि आम लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि वह सस्ते प्लाट के चक्कर में प्रॉपर्टी डीलरों के बहकावे में न आए और न ही अवैध कालोनियों में प्लाट खरीदें। मकान खरीदने से पहले जिला योजनाकार कार्यालय से पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें। सभी प्रॉपर्टी डीलर का भी आह्वान किया गया है कि वे सरकार द्वारा चलाई गई हाउसिंग स्कीम, दीनदयाल हाउसिंग स्कीम, अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम, जिसमें 5 एकड़ भूमि पर लाइसेंस प्रदान किया जाता है। कॉलोनी काटने की जरूरी अनुमति प्राप्त करें, ताकि शहर वासियों को सस्ता मकान उपलब्ध हो सके। यदि कोई व्यक्ति अवैध कालोनी में प्लाट आदि खरीदता है तो उसके विरूद्ध भी कार्यालय द्वारा कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जिसमें 50 हजार रुपये तक का जुर्माना व तीन साल की सजा प्रावधान है। विभाग द्वारा जुलाई माह में अवैध कलोनाइजेशन के विरुद्ध तोड़-फोड़ कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
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