अब खाद के साथ किसानों को अन्य कृषि सामग्री देने पर दुकानदारों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

हरिभूमि न्यूज.भिवानी
खाद के साथ अन्य कृषि सामग्री देने वाले दुकानदारों को अब सचेत हो जाना चाहिए। सरकार व कृषि विभाग के पास पहुंच रही शिकायतों के आधार पर विभाग ने अब शिकंजा कसने का मन बना लिया है। इसके तहत विभाग की टीमें अब दुकानों पर जाकर औचक निरीक्षण करेगी तथा जो भी दुकानदार खाद के साथ अन्य कृषि सामग्री किसान को देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ न सिर्फ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी बल्कि उसका लाइसेंस भी रद किया जाएगा। किसानों को वो कीटनाशक व दवा साथ में लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है जिनका किसान प्रयोग नहीं करना चाहता तथा खाद की किल्लत के चलते किसानों को होने वाली परेशानी का कुछ दुकानदार फायदा उठा रहे हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा डीएपी और यूरिया खाद का उचित वितरण करने के लिए जिला मुख्यालय, उपमंडल स्तर और ब्लॉक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें खाद का सही वितरण के साथ-साथ किसानों को जागरूक भी कर रही हैं। किसानों को बताया जा रहा है कि डीएपी और यूरिया के साथ अन्य कृषि सामग्री लेना अनिवार्य नहीं है, यदि कोई दुकानदान ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस बारे में जानकारी देते हुए विभाग के उप निदेशक डॉ. आत्मा राम गोदारा ने बताया कि जो भी दुकानदार किसान को डीएपी और यूरिया के बैग के साथ अन्य कृषि सामग्री लेने के लिए बाध्य करता है तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुकानदार का लाईसेंस भी रद कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीमों द्वारा खाद-बीज विक्रेताओं दुकानों पर समय-समय पर निरीक्षण किया जा रहा है।
राजस्थान को जाने वाले सभी रास्तों पर लगाए नाके
उन्होंने बताया कि जिला भिवानी की सीमा राजस्थान के लगने के कारण राजस्थान को जाने वाले सभी कच्चे-पक्के रास्तों पर नाके लगाए गए हैं। नाकों पर कृषि विभाग की टीमें व पुलिस बल तैनात है ताकि यहां की खाद राजस्थान न जा पाए । उन्होंने बताया कि भिवानी में डीएपी की कोई कमी नहीं है। डीएपी व यूरिया खाद भी पर्याप्त मात्रा में है। उन्होंने कहा कि किसान आवश्यकता अनुसार ही खाद लें। खाद का किसी भी तरह से भंडारण न करें। इस बारे में कृषि अधिकारी संजय मेचू ने डीएपी व यूरिया का वितरण विभाग के अधिकारियों की देखरेख में करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी किसान को खाद के साथ अन्य सामग्री लेने के लिए बाध्य किया जाता है तो वे कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचना दें ताकि समय पर ठोस कार्रवाई की जा सके।
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