बोरवेल में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के सख्त हिदायत, ड्रिलिंग का कार्य करने वाले सभी लोगों के लिए पंजीकरण अनिवार्य

जींद/उचाना। बोरवेल में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुरूप एसडीएम गुलजार मलिक ने उपमंडल के संबंधित विभागों के अधिकारियों को खुले बोरवेल के संबंध में सख्त हिदायत जारी की है। उन्होंने कहा कि सरकारी या निजी एजेंसियों सहित ड्रिलिंग का कार्य करने वाले सभी लोगों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। इसके अलावा भूजल/पब्लिक हेल्थ, नगरपालिका, निजी ठेकेदार आदि संबंधित विभाग से ऐसे काम के लिए एक प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना जरूरी है। एसडीएम ने कहा कि संबंधित एजेंसी, विभागों के अधिकारियों को खुले कुओं का समय-समय पर औचक निरीक्षण करने के निर्देश जारी करते हुए कहा कि बोरवेल का निर्माण करने के लिए कम से कम 15 दिन पहले लिखित में क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों, जिनमें मजिस्ट्रेट, ग्राम पंचायत के सरपंच एवं किसी अन्य सांविधिक प्राधिकारी या भूजल, सार्वजनिक स्वास्थ्य, नगर निगम के संबंधित अधिकारी को सूचित अवश्य ही किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि निर्माण के समय कांटेदार तार की बाड़ या किसी अन्य उपयुक्त अवरोध को कुएं या बोरवेल के चारों ओर लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा ड्रिलिंग एजेंसी और कुएं के मालिक के विवरण के साथ कुएं या बोरवेल के पास एक साइनबोर्ड लगाया जाना चाहिए। कुएं या बोरवेल को अच्छी तरह से ढक़ने के लिए वेल्डिंग स्टील प्लेट का प्रयोग किया जाना चाहिए या बोल्ट और नट्स के साथ आवरण पर पाइप की एक मजबूत कैप लगाई जानी चाहिए। पंप की मरम्मत के मामले में नलकूप या ट्यूबवेल को खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त बोरवेल निर्माण के संबंध में जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन जरूरी है। ऐसा न करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
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