तेज आंधी और बारिश ने सिरसा में मचाई तबाही, सैकड़ों पेड़ व पोल टूटे, रोहतक में सर्वाधिक 41.3 एमएम बारिश

प्रदेश के कई जिलों में प्री मॉनसून की बारिश ने हवा में ठंडक घोल दी। रोहतक, भिवानी, बहादुरगढ़, यमुनानगर, रिवाड़ी, कुरुक्षेत्र आदि जिलों में बारिश हुई। रोहतक में सबसे ज्यादा 41.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। हिसार में 10 मिलीमीटर बारिश हुई जिससे दिन और रात के पारे में तकरीबन 11 डिग्री का अंतर रहा। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार हिसार में अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 21.7 डिग्री दर्ज किया गया। रोहतक में अधिकतम तापमान 33 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह भिवानी में अधिकतम 32.9 तथा न्यूनतम पारा 24.7 तथा सिरसा का अधिकतम तापमान 32 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। हिसार में दोपहर 3 बजे के बाद एक बार फिर उमस और गर्मी महसूस की गई। मौसम विभाग ने आगामी दो तीन दिन गरज चमक के साथ हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है।
सिरसा जिला में लगातार दो दिन हुई बरसात ने प्रशासन की पोल खोल कर रख दी। सिरसा शहर कई इलाकों में 3 से 4 फुट तक बरसाती पानी जमा हो गया और लोगों के घरों में पानी घुस गया। सड़कों पर बरसाती पानी जमा होने से लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तेज आंधी के साथ शनिवार सायं से शुरू हुई बरसात रविवार सुबह साढ़े 9 बजे तक जारी रही। तेज अंधड़ के कारण जिला में सैकड़ों पेड़ टूट कर सड़कों पर गिर गए और सैकड़ों बिजली के पोल भी टूट गए। शनिवार सायं से ही कई इलाके अंधेरे में डूबे रहे और रविवार देर शाम तक बिजली आपूर्ति ठप रही। इसके अलावा कालांवाली में बीती रात बरसात से एक नोहर में बंधी 20 भेड़ बकरियां दीवार गिरने से मर गई, वहीं खाजाखेड़ा में दो महीने पहले बनाया गया पशुओं के लिए 12 फुट एरिया वाला लेंटर गिर गया। गनीमत यह रही कि कहीं इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। बिजली गुल होने से पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पाई। हालांकि बरसात से गर्मी से काफी राहत मिली और तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आई। बरसात उन किसानों के लिए फायदे मंद रहेगी जो धान की फसल करते हैं। बरसात होने के बाद धान उत्पादक किसानों ने खेत तैयार करने शुरू कर दिए हैं। वहीं बिरानी क्षेत्र के किसानों के लिए भी बरसात को फायदेमंद माना जा रहा है, क्योंकि पानी के अभाव में फसलें सूख रही थी।
जींद में पिछले तीन दिन में दूसरी बार आए तूफान ने जिला में भरपूर नुकसान पहुंचाया है। तूफान के दौरान कई क्षेत्रों में पेड़ व बिजली के खंभे टूट गए और बिजली की सप्लाई बाधित हुई। वहीं कई जगह मकानों व फैक्टरी की छत गिर गई जिससे भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं खेतों में धान बिजाई का कार्य चला हुआ है। कई जगह धान की पौध लगाई भी जा चुकी है जोकि तूफान के चलते पसर गई है। वहीं तूफान के कारण कई जगहों पर पेड़ टूट कर गिर गए जिससे रास्ते भी बाधित हो गए। बीती रात हुई बारिश के चलते अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान में चार से छह डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई।
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