कुरुक्षेत्र में पराली जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई : फसल अवशेषों में आग लगाने पर पर 316 किसानों पर 8 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना

कुरुक्षेत्र : उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि हरसेक के माध्यम से 267 और अन्य 160 माध्यमों से 427 जगहों पर फसल अवशेषों में आग लगाने की सूचनाएं प्राप्त हुई। इन सूचनाओं के आधार पर कृषि विभाग की टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो 326 जगहों पर फसल अवशेषों में आग लगाने की पुष्टि हुई और जिसमें से एक नॉन एग्रीकल्चर भूमि पर आग लगी मिली तथा 95 जगहों का पता नहीं लग पाया है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए न केवल किसानों को सरकार की योजना के प्रति जागरूक किया और साथ में ही 316 लोगों का चालान कर 8 लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने शनिवार को फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग की प्रगति रिपोर्ट पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य सरकार के आदेशानुसार कुरुक्षेत्र के किसानों को लगातार फसल अवशेष प्रबंधन करके सरकार की योजना का लाभ लेने तथा फसल अवशेषों में आग न लगाने के प्रति लगातार जागरूक किया जा रहा है। इस विषय को जन आंदोलन का रूप दिया जा रहा है और इस विशेष जागरूकता अभियान के तहत जिले के गांवों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इतना ही नहीं हजारों लोगों को इन कार्यक्रमों के साथ जोड़ा जा रहा है। सरकार और प्रशासन का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति फसल अवशेषों में आग न लगाए अपितु फसल अवशेषों का प्रबंधन करके लाभ कमाए। इन प्रयासों के बावजूद जिन लोगों ने सरकार के आदेशों की अवहेलना की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई गई है।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों का प्रबंधन करने पर सरकार द्वारा 1639 किसानों के खाते में 1 करोड़ 9 लाख 82 हजार 530 रुपए की राशि जमा करवाई जाएगी। इन किसानों ने 10982.53 एकड़ जमीन के फसल अवशेषों के बेलर बनाए। इन किसानों को बेलर बनाने पर सरकार के नियमानुसार 1 हजार रुपए प्रति एकड़ मुहैया करवाए जाएंगे। इस डाटा को पोर्टल पर भी अपडेट किया गया है। सरकार की इस योजना का लाभ प्रत्येक किसान उठा सकता है। इस योजना को अपनाने वाले किसान को न तो केवल 1 हजार रुपए प्रति एकड़ का लाभ मिलेगा, अपितु फसल अवशेषों में आग लगाने और जुर्माना आदि से भी छुटकारा मिलेगा। जिला कुरुक्षेत्र में 29 अक्टूबर 2022 तक मशीनों के माध्यम से व्यक्तिगत और सीएचसी स्तर पर 1 लाख 37 हजार 100 बेलर, 59680 सुपर एसएमएस और 95 रिवर्सिबल एमबी चौपर/मल्चर बनाए गए है। इस जिले में 1639 किसानों द्वारा 10982.53 एकड़ जमीन पर फसल अवशेष का प्रबंधन करने पर 1 करोड़ 9 लाख 82 हजार 530 रुपए का लाभ भी दिया जाएगा।
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