फतेहाबाद जिले में 719 जगह जली पराली, 4 नंबरदारों सहित 10 को कारण बताओ नोटिस जारी

फतेहाबाद जिले में 719 जगह जली पराली, 4 नंबरदारों सहित 10 को कारण बताओ नोटिस जारी
X
नम्बरदारों ने अपने गांवों में पराली प्रबन्धन जागरूकता कार्य में ढिलाई बरती है। इसके अलावा इन्हीं गांवों के 2 ग्राम सचिव, 2 पटवारी, एक खंड तकनीकी प्रबन्धक तथा एक कृषि सुपरवाइजर को नोटिस जारी किया व उनसे जवाब तलब किया है।

फतेहाबाद। पराली जलाने के मामले में हरसेक की सैटेलाइट से फतेहाबाद में 625 आग लगाने की घटनाओं बारे जानकारी मिली है। इसके अलावा ग्रामीणों ने कृषि विभाग को 94 स्थानों पर पराली जलाए जाने बारे सूचना दी है। इसके लिए जिला प्रशासन ने सम्बंधित गांवों के नंबरदारों, ग्राम सचिव व पटवारियों को दोषी माना है। जिला प्रशासन ने 4 नंबरदारों सहित 10 लोगों को प्रराली प्रबन्धन में सुचारू कार्य न करने पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

उपायुक्त जगदीश शर्मा ने गांव नाढोड़ी व लोहाखेड़ा के 4 नम्बरदारों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उक्त नम्बरदारों ने अपने गांवों में पराली प्रबन्धन जागरूकता कार्य में ढिलाई बरती है। इसके अलावा इन्हीं गांवों के 2 ग्राम सचिव, 2 पटवारी, एक खंड तकनीकी प्रबन्धक तथा एक कृषि सुपरवाइजर को नोटिस जारी किया व उनसे जवाब तलब किया है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी में ढिलाई बरती है और किसानों को पराली ना जलाने बारे जागरूक नहीं किया।

अब तक 719 एक्टिव फायर लोकेशन प्राप्त हुई है जिनमें से 625 हरसेक व 94 अन्य स्त्रोत से मिली है। इस पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन द्वारा गठित की टीमों ने 261 चालान किए है। 6 लाख 60 हजार रुपये जुर्माना राशि वसूल की गई है। 37 एक्टिव फायर लोकेशन गैर कृषि भूमि पर मिली है। जिला प्रशासन की ओर से जिन किसानों ने पराली प्रबन्धन न करके फसल अवशेषों में आगजनी की है, उन पर जुर्माना सहित कार्यवाही की गई है। इसके साथ ही उपायुक्त ने जिले के किसानों से आह्वान किया कि वे सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन के लिए चलाई गई योजना का लाभ उठाएं। सरकार ने किसानों के लिए एक्स-सीटू व इन-सीटू माध्यमों से पराली प्रबन्धन की योजनाएं लागू की हुई है।

दूसरी ओर कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. राजेश सिहाग ने गांव अहलीसदर में किसानों व नंबरदारों के साथ बैठक की और उन्हें पराली नहीं जलाने बारे जागरूक किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि खेतों में फसल अवशेष में आग न लगाएं और वैज्ञानिक तरीके से फसल अवशेषों का प्रबंधन करें। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम होती है। इसके साथ ही किसान पराली जलाकर आमजन की सेहत के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं

Tags

Next Story