पंचायती फंड में घोटाला : छात्र घर से दूर देता रहा परीक्षा, खाते में डलता रहा मनरेगा का पैसा, सरपंच समेत पांच पर केस

पंचायती फंड में घोटाला : छात्र घर से दूर देता रहा परीक्षा, खाते में डलता रहा मनरेगा का पैसा, सरपंच समेत पांच पर केस
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शिकायतकर्ता ने एसएचओ से लेकर एसपी तक से गुहार लगाई, परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। आखिरकार उसने अदालत की शरण ली। अदालत के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

जोनावास का एक नाबालिग छात्र घर से सौ किलोमीटर दूर सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा देता रहा और उसके बैंक खाते में मनरेगा की मजदूरी डलती रही। पंचायती फंड में घोटाला किया गया। शिकायतकर्ता ने एसएचओ से लेकर एसपी तक से गुहार लगाई, परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। आखिरकार उसने अदालत की शरण ली। अदालत के आदेश पर पुलिस ने सरपंच व पूर्व सरपंच समेत 5 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

अदालत में दायर इस्तगासे में ग्रामीण प्रदीप ने बताया कि 2 मार्च 2013 से 16 मार्च 2013 तक गांव का छात्र तरुण रोहतक के महम स्थित सरस्वती स्कूल में सीबीएसई दसवीं की परीक्षाएं दे रहा था। इसी दौरान सरपंच ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके खाते में परीक्षाओं के दौरान 9, 14 व 15 मार्च को तरुण को मनरेगा का मजदूर दिखाकर उसके खाते में 191 रुपए दैनिक के हिसाब से मजदूरी की राशि डलवा दी। उस समय तरण बालिग भी नहीं था, जिस कारण वह मजदूरी के लिए सक्षम नहीं था। उसने आरोप लगाया कि सरपंच ने 10 नवंबर 2011 से 25 नवंबर 2011 तक 14 दिन की मजदूरी के 2674 रुपए का भी गोलमाल किया। इसके लिए फर्जी कागजात तैयार किए गए।

प्रदीप ने आरोप लगाया कि इस कार्य में हरिओम सरपंच का साथ सूरजभान पंच, पूर्व पंच विनोद व लता देवी ने मिलकर अंजाम दिया था। प्रदीप का आरोप है कि सरपंच को पहले भी गबन के मामले में दोषी कराया दिया गया था, परंतु उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। वह एसएचओ से लेकर एसपी तक से आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग करता रहा। इसके बावजूद आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया। अदालत ने इस्तगासे को कार्रवाई के लिए पुलिस के पास भेेज दिया। पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी।

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