सोनीपत : डीसीआरयूएसटी में ड्यूल डिग्री पाठ्यक्रम में विदेशी भाषाओं के साथ भारतीय भाषा सीखेगें विद्यार्थी

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Deenbandhu Chhotu Ram University of Science and Technology) मुरथल के ड्यूल डिग्री बीए इंग्लिश ऑनर्स एमए इंग्लिश में विद्यार्थियों को विदेशी भाषाओं को सीखने के साथ साथ भारतीय भाषा सीखने का अवसर भी मिलेगा। विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है। अनेक भाषाओं में विशेषज्ञता के कारण रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी। विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के दौरान इंग्लिश उच्चारण भी सीखाया जाएगा। विश्वविद्यालय में ऑन लाइन कक्षाएं प्रारंभ हो गई हैं।
डीसीआरयूएसटी ने पहली बार प्रारंभ हुए ड्यूल डिग्री बीए इंग्लिश ऑनर्स एमए इंग्लिश का रिस्पॉस देखने को मिला है। विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए तीसरी कट ऑफ लिस्ट 80 प्रतिशत पर बंद हो गई। पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को इंग्लिश भाषा के अतिरिक्त, साहित्य, जर्मन और फ्रेंच सीखने का अवसर तो मिलेगा ही, इसके साथ ही साथ विद्यार्थी स्वयं को हिंदी के अतिरिक्त संस्कृत भाषा का ज्ञान भी अर्जित कर सकेंगे। बहुभाषा में विशेषज्ञता होने के कारण विश्वविद्यालय से पाठ्यक्रम करने वाले विद्यार्थियों के लिए रोजगार अवसर में वृद्धि भी होगी। विश्वविद्यालय में भाषा प्रयोगशाला भी उपलब्ध है। पाठ्यक्रम में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों ब्रिटिश उच्चारण भी सीखाया जाएगा। विश्वविद्यालय से ड्यूल डिग्री बीए इंग्लिश ऑनर्स एमए इंग्लिश करने वाले विद्यार्थी शिक्षा क्षेत्र के अतिरिक्त, टूरिस्ट व ट्रांसलेटर के क्षेत्र में भी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने आरियंटेशन प्रोग्राम में संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त खेलों में भी बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। इस दौरान विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली व पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। मानविकी के अधिष्ठाता प्रो. राजबीर सिंह ने भी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी स्वयं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुसार तैयार करें। मुख्यवक्ता प्रो. जयबीर सिंह हुड्डा ने संबोधित करते हुए कहा कि मानव सभ्यता के विकास में साहित्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इंग्लिश विभागाध्यक्षा प्रो.रेखा ने कहा कि साहित्य ही मनोविकारों के रहस्यों को खोलकर सद्वृत्तियों को जगाता है। साहित्य मस्तिष्क की वस्तु नहीं, बल्कि ह्रदय की वस्तु है जहा ज्ञान और उपदेश असफल हो जाते हैं, वहां साहित्य बाजी मार ले जाता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की भाषा प्रयोगशाला में एक साथ 30 विद्यार्थी बैठकर लाभ उठा सकेंगे। इस अवसर पर प्रो. सुजाता राणा, एसोसिएट प्रो.तृप्तलता, डा.बिरेंद्र हुड्डा, डा. मयूर छिक्कारा, डा. प्रदीप कादयान, डा. धर्मेंद्र सिंह व अन्य शिक्षकगण आदि उपस्थित थे।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS