Upsc Topper Success Story : MBBS डॉक्टर से IAS बनीं अक्षिता गुप्ता की सफलता की कहानी, पहले ही प्रयास में 69वां रैंक

Upsc Topper Success Story : MBBS डॉक्टर से IAS बनीं अक्षिता गुप्ता की सफलता की कहानी, पहले ही प्रयास में 69वां रैंक
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पढ़ाई के साथ-साथ अक्षिता बिना कोई खास कोचिंग के नीट की तैयारी में भी जुटी रहीं। 2015 में ऑल इंडिया रैकिंग में 27वां स्थान पाकर अपने डाॅक्टर बनने के सपने को साकार करने के लिए पहला कदम बढ़ाया। अक्षिता को चंडीगढ़ के ही सेक्टर-32 के जीएमसीएच में एमबीबीएस की पढ़ाई करने का मौका मिला।

हरिभूमि न्यूज : बराड़ा ( अंबाला )

कस्बे की बेटी डॉ. अक्षिता गुप्ता ने यूपीएससी की परीक्षा में 69वां रैंक हासिल कर नया मुकाम हासिल किया है। पहले प्रयास में ही अक्षिता ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर नया इतिहास रचा है। 14 अक्तूबर 1998 को कस्बे के शिक्षक माता-पिता पवन गुप्ता व मीना गुप्ता के घर में जन्मी अक्षिता ने 10वीं की परीक्षा स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल जगाधरी से की। गर्वनमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-33 चंडीगढ़ से मेडिकल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। पढ़ाई के साथ-साथ अक्षिता बिना कोई खास कोचिंग के नीट की तैयारी में भी जुटी रही। 2015 में ऑल इंडिया रैकिंग में 27वां स्थान पाकर अपने डाॅक्टर बनने के सपने को साकार करने के लिए पहला कदम बढ़ाया। अक्षिता को चंडीगढ़ के ही सेक्टर-32 के जीएमसीएच में एमबीबीएस की पढ़ाई करने का मौका मिला।

ऐसी बनी बेटी आईएएस

अक्षिता के पिता प्रिंसीपल पवन गुप्ता का कहना है कि वह अक्सर शैक्षणिक कामों के लिए कई आईएएस अधिकारियों से मिलते रहते थे। वह उनसे बहुत प्रभावित होते थे। इन मिटिंग बारे जब वह घर में बात करते थे तो अक्षिता भी बहुत प्रभावित होती थी। इसी दौरान अक्षिता को भी कुछ आईएएस अधिकारियों से मिलने का मौका मिला जिनसे उसे बहुत प्रेरणा मिली। मार्च-2021 में मेडिकल इंटरशिप पूरी करने के दौरान कोरोना काल आ गया जिस कारण यूपीएससी की परीक्षा टल गई जोकि अक्षिता के लिए वरदान साबित हुई। इसी दौरान अक्षिता ने यूपीएससी का पेपर देने का मन बनाया और अपने दम पर ही मेडिकल साइंस से यूपीएससी की तैयारी करने लगी। अक्षिता ने पहली बार में ही अपनी मेहनत के दम पर 69वां स्थान पाकर खुद के व अपने माता-पिता के सपने को साकार करके दिखाया है ।

बेटी की कामयाबी से पूरा परिवार खुश

कस्बे के प्रीत नगर स्थित शक्षिक परिवार से तालुक रखने वाली अक्षिता के माता-पिता के साथ-साथ उनके दादा रामचंद्र गुप्ता व दादी ज्ञानवती गुप्ता भी शिक्षक रह चुकी हैं। आईआईटी. मुंबई से इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहे अक्षिता के भाई शिशिज गुप्ता भी अपनी बहन की सफलता पर फुले नही समा रहे। अपनी बेटी की सफलता पर पवन गुप्ता ने कहा कि उनकी बेटी ने 12वीं की परीक्षा सरकारी स्कूल से की है, जो लोग बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने से कतराते हैं अक्षिता उनके लिए एक रोल माडल बन कर उभरी है।

युवाओं के लिए बनीं प्रेरणा

अक्षिता गुप्ता का कहना है कि युवाओं को सबसे पहले अपने टारगेट सैट करने चाहिए कि उन्हें भविष्य में क्या करना है इससे उन्हें अपने सपने को पूरा करने के लिए एक दिशा मिलती है। इसके अलावा उन्हें अपनी पढ़ाई को लेकर एक्स्ट्रा टेंशन नहीं लेनी चाहिए और पढ़ाई को अपना दोस्त मानकर कर ही तैयारी करनी चाहिए। अक्षिता का कहना है कि युवाओं को सारा दिन सोशल मीडिया पर व्यस्त रहने की बजाए अपने स्वर्णिम समय का सदुपयोग करना चाहिए। कोई भी काम मुश्किल नही होता बस दिल से करना चाहिए सफलता खुद आपके कदम चूमेगी।


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