चीनी मिल : पेराई सत्र को बंद करने के लिए पहला नोटिस जारी, किसानों को जल्द से जल्द गन्ना डालने की अपील

चीनी मिल : पेराई सत्र को बंद करने के लिए पहला नोटिस जारी, किसानों को जल्द से जल्द गन्ना डालने की अपील
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सोनीपत चीनी मिल के एमडी जितेंद्र जोशी का तबादला हो चुका हैं। उनकी जगह आरटीओ मानव मलिक को चीनी मिल का अतिरिक्त पदभार सौंपा गया हैं। उन्होंने गन्ना उत्पादकों को जल्द से जल्द अपने नजदीकी चीनी मिल में गन्ना डालने का आह्वान किया हैं।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

जिले के दो चीनी मिलों का वर्ष 2021-22 का पेराई सत्र समाप्त होने की दिशा में बढ़ रहा हैं। दी सोनीपत चीनी मिल व चौ. देवीलाल चीनी मिल का पेराई सत्र में करीब 71 लाख किक्वंटल गन्ने की पेराई हो चुकी हैं। सोनीपत चीनी मिल के एमडी जितेंद्र जोशी का तबादला हो चुका हैं। उनकी जगह आरटीओ मानव मलिक को चीनी मिल का अतिरिक्त पदभार सौंपा गया हैं। उन्होंने गन्ना उत्पादकों को जल्द से जल्द अपने नजदीकी चीनी मिल में गन्ना डालने का आह्वान किया हैं। ताकि मिल के साथ हुई किसानों की बाडिंग प्रक्रिया के साथ लक्ष्य पूरा हो सके।

बता दें कि शहर के कामी सड़क मार्ग स्थित दी चीनी मिल सोनीपत में वर्ष 2021-22 पेराई सत्र की शुरूआत 10 नवंबर 2021 को हुई थी। चीनी मिल प्रशासन व किसानों के बीच 36 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की बॉडिंग का करार किया गया था। लेकिन बार-बार आ रहे ब्रेक डाउन की वजह से गन्ने की पेराई अपनी रफ्तार से नहीं हो पाई। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल माह के अंतिम दिन चल रहे हैं और अब तक महज 28 लाख 30 हजार क्विंटल गन्ने की ही पेराई हो पाई है। ऐसे में अब मजबूरी में मिल को 7 लाख क्विंटल गन्ना दूसरी मिलों में ट्रांसफर करना पड़ रहा है। गर्मी बढ़ने के कारण पूरे गन्ने की पेराई करने में काफी समय लग सकता है। जिसके चलते गन्ने को अन्य मिलों में भेजने का फैसला मिल प्रबंधन ने लिया हैं। ताकि गन्ना उत्पादकों का समय पर गन्ना लिया जा सके। वहीं गन्ना उत्पादक अन्य मिलों में गन्ना लेकर जाने में आनाकानी करने पर लगे हुए हैं। दी सोनीपत चीनी मिल का पेराई सत्र तकनीकि खराबी व गर्मी के चलते बेहद धीमा हो चुका हैं। मिल के एमडी का पदभार संभाल रहे आरटीओ मानव मलिक ने गन्ना उत्पादकों से जल्द से जल्द अपने नजदीकी चीनी मिल में गन्ना पहुंचाने की अपील की हैं।

करनाल में एक लाख, पानीपत में चार तो आहुलाना में दो लाख

ब्रेक डाउन की घटनाओं से परेशान सोनीपत चीनी मिल प्रशासन जल्द से जल्द पेराई सत्र को पूरा करने की कवायद में जुट गया है। मिल प्रशासन ने दूसरी मिलो में गन्ना भेजने की रणनीति पर काम करते हुए अन्य मिलों में किसानों का गन्ना भेजने का काम किया। अधिकारियों ने अपने स्तर पर प्रयास करते हुए व मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद पानीपत में जहां 4 लाख क्विंटल, करनाल में 1 लाख क्विंटल व आहुलाना में दो लाख क्विंटल गन्ना भेजने की प्रक्रिया पर मोहर लगाई थी। हालांकि किसान अन्य मिलो में गन्ना लेकर जाने में आनाकानी कर रहे हैं। जिसके चलते पेराई सत्र लंबा खींचने की उम्मीद जताई जा रही हैं।

गर्मी बढ़ने से घटी गन्ने की पिराई, 15 से 16 हजार क्विंटल में सिमटी पेराई क्षमता

अप्रैल के बाद मई माह में शुरूआत के साथ ही सोनीपत जिले में तापमान 40 डिग्री के आसपास बना हुआ है। जिसका सीधा असर सोनीपत चीनी मिल की पेराई क्षमता पर भी दिखाई दे रहा है। सोनीपत चीनी मिल की पेराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। परन्तु गर्मी के कारण मशीनें गर्म होने के चलते क्षमता के हिसाब से पेराई नहीं हो पा रही है। पिछले एक सप्ताह से औसतन 13 हजार से 15 हजार क्विंटल तक ही गन्ने की पेराई हो पाई है। जिसके चलते किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

गर्मी के मौसम के चलते व तकनीकि खराबियों के चलते पेराई सत्र बेहद धीमा पड़ रहा हैं। उक्त पेराई सत्र को लेकर पहला नोटिस जारी हो चुका हैं। किसानों से अपील हैं कि जल्द से जल्द अपने गन्ने को नजदीकी मिल में पहुंचाने का कार्य करें। ताकि बाडिंग के हिसाब से लक्ष्य को पूरा किया जा सके। - मानव मलिक, एमडी चीनी मिल सोनीपत।

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