चीनी मिल फर्जीवाड़ा : फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने का मामला सामने आने पर भर्ती प्रक्रिया पर उठने लगे सवाल, रिकार्ड को खंगालने की तैयारी

चीनी मिल फर्जीवाड़ा : फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने का मामला सामने आने पर भर्ती प्रक्रिया पर उठने लगे सवाल, रिकार्ड को खंगालने की तैयारी
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अगर भर्ती प्रक्रिया के दौरान जारी मापदंड के अनुसार अभ्यार्थी द्वारा जारी किए दस्तावेजों की जांच की जाये तो एक बड़ा प्रदेश का भर्ती घोटाला सामने आ सकता हैं। वहीं उक्त मामले में चीनी मिल आहुलाना प्रबंधन ने कर्मचारी पर रिकवरी करने के निर्देश दिए हैं।

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

चौ. देवीलाल चीनी मिल आहुलाना (गोहाना) में वर्ष 2002 में इनेला सरकार के दौरान हुई भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। विपक्षी पार्टियों के पदाधिकारी भर्ती प्रक्रिया में बड़ी लापरवाही करने का आरोप लगाने लगे हैं। आशंका जताई जा रही हैं कि उक्त भर्ती प्रक्रिया में भर्ती हुए कर्मचारियों के रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ की जा सकती हैं। अगर भर्ती प्रक्रिया के दौरान जारी मापदंड के अनुसार अभ्यार्थी द्वारा जारी किए दस्तावेजों की जांच की जाये तो एक बड़ा प्रदेश का भर्ती घोटाला सामने आ सकता हैं। वहीं उक्त मामले में चीनी मिल आहुलाना प्रबंधन ने कर्मचारी पर रिकवरी करने के निर्देश दिए हैं। चौ. देवीलाल चीनी मिल में आरोपित ने 2003 से लेकर 2016 तक लगातार वेतन प्राप्त किया हैं, जिसकी राशि लाखों रुपये बनती हैं। दा सहकारिता चीनी मिल सोनीपत की तरफ से निलंबित कर्मी पर 22 लाख से ज्यादा की रिकवरी डाली हैं।

यह था मामला-

बता दें कि वर्ष 2016 में चौ. देवीलाल सहकारिता चीनी मिल आहुलाना (गोहाना) से तबादला करके दा सहकारिता चीनी मिल सोनीपत में क्लर्क के पद पर आर्य नगर सोनीपत निवासी सुनील कुमार को भेजा गया। करीब छह साल तक मिल में सीजन (मौसमी स्थाई) कर्मचारी के पद पर तैनात रहा। सोनीपत चीनी मिल में केन विभाग से मिल प्रबंधन ने उसका अन्य विभाग में ट्रांसफर किया था, लेकिन कर्मी सुनील ने नई पोस्ट पर ज्वाइन नहीं किया। मिल प्रबंधन की तरफ से पत्राचार के माध्यम से कई बार कर्मी को दिशा-निर्देश देकर ज्वाइंन करने के लिए कहा, लेकिन कर्मचारी ने ज्वाइंन नहीं किया। प्रबंधन को कर्मी की तैनाती को लेकर शक हुआ। जिसके बाद मुख्य अभियंता देवेंद्र पहल को मामले की जांच सौंपी। मामले की जांच करवाई तो कर्मचारी द्वारा किए फर्जीवाड़े का खुलासा हो सका। मिल प्रबंधन ने आरोपित को निलंबित कर दिया। आरोपित के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत भेजी हैं। मिल प्रबंधन की तरफ से निलंबित कर्मचारी पर 22 लाख 15 हजार 39 रुपये की रिकवरी डाली हैं।

आहुलाना चीनी मिल भी डालेगा निलंबित कर्मी पर रिकवरी

चौ. देवीलाल चीनी मिल प्रबंधन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारी वर्ष 2002 में भर्ती प्रक्रिया में सल्फर फरनेस अटैण्डैंट के पद (मौसमी स्थाई) के तौर पर भर्ती हुआ था। जिसके बाद उसका प्रमोशन क्लर्क के पद पर मिल की तरफ से किया गया। वर्ष 2016 में दा सहकारिता चीनी मिल सोनीपत में तबादला कर दिया गया। सोनीपत मिल की तरफ से निलंबित कर्मी पर 22 लाख से ज्यादा रुपये की रिकवरी डाली हैं। वहीं चौ. देवी लाल चीनी मिल की तरफ से भी लाखों रुपये का वेतन प्राप्त करने की बात कही जा रही हैं। जिसका आलंकन मिल प्रबंधन की तरफ से किया जा रहा हैैं। जांच करने के बाद मिल की तरफ से हाल में निलंबित चल रहे कर्मचारी पर मिल की तरफ से लिए वेतन की रिकवरी डाली जायेगी।

रिकार्ड के साथ हो सकती हैं गड़बड़, मिल से चोरी हो चुका हैं रिकार्ड

सोनीपत चीनी मिल से जरूरी दस्तावेज चोरी करने का मामला सामने आ चुका हैं। इस संबंध में मिल प्रबंधन की तरफ से पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत भेजी गई। जिसके बाद आरोपित सीजनल कर्मचारी गांव ठरू निवासी विरेंद्र गन्ना लिपिक पर मुकदमा दर्ज हुआ हैं। पत्राचार के माध्यम से कर्मी से इस संबंध में जानकारी मांगी गई। जिसमें कर्मी द्वारा हाल में निलंबित किए कर्मचारी सुनील कुमार पर दस्तावेज उपलब्ध करवाने का खुलासा किया था। हालांकि उक्त आरोपों को सुनील कुमार ने नकार दिया था। वहीं भर्ती प्रक्रिया के दौरान आवेदकों द्वारा उपलब्ध करवाएं गए रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ की आशंका जताई जा रही हैं। उस समय फाइलों में जमा किए रिकार्ड को बदला जा सकता हैं।

विपक्षी पार्टियां उठाने लगी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल, रिकार्ड जब्त कर जांच की कर रहे मांग

आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष देवेंद्र गौतम ने मिल में भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्ष 2002 में चौटाला सरकार में फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने वाले एक व्यक्ति का फर्जीवाड़ा सामने आया हैं। ऐसे अनेकों व्यक्तियों के प्रमाण सामने आ सकते हैं अगर अच्छे तरीके से भर्ती प्रक्रिया की जांच की जाएं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के अंदर ऐसी बहुत सी भर्तियां हुई हैं जिनमें सरकारों पर उंगली उठी है। हुड्डा सरकार में हुई एचसीएच भर्ती पर भी सवाल उठे थे। जिसमें अपने करीबी लोगों को नौकरी देने का काम इनके द्वारा किया गया था। आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार खत्म करने पर काम कर रही है। अगर जांच एजेंसी बैठाकर इस भर्ती घोटाले की या अन्य भर्तियों की जांच नहीं की जाती तो आम आदमी पार्टी सोनीपत में सरकार के विरोध मोर्चा खोलने पर मजबूर होगी।


फर्जी प्रमाण-पत्र लगाकर मिल में नौकरी पाने के मामले का खुलासा सोनीपत मिल की तरफ से हुआ हैं। जिसके बाद से उक्त भर्ती के दौरान कार्यरत कर्मचारियों की रिकार्ड को संभालकर रखने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। रिकार्ड कें गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं हैं। इस संबंध में खुद नजर रखी जा रही हैं। निलंबित कर्मचारी पर मिल की तरफ से लाखों रुपये की रिकवरी डाली जायेगी। लापरवाही मिलने पर किसी अन्य कर्मचारी को नहीं बख्शा जायेगा। -आशीष वत्स, एमडी चीनी मिल सोनीपत व एसडीएम गोहाना।

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