Sugarcane crushing season 2021-22 : गन्ना पेराई सत्र लंबा होने के चलते Sugar उत्पादन में पिछड़ी सोनीपत चीनी मिल

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
दी सहकारिता चीनी मिल सोनीपत का पेराई सत्र लंबा होने के चलते चीनी की रिकवरी रेट पर पड़ने लगा हैं। जिसके चलते सोनीपत चीनी मिल प्रदेश के अन्य चीनी मिलो के रिकवरी में पिछड़ता जा रहा हैं। गत वर्ष के पेराई सत्र से इस वर्ष के पेराई सत्र में चीनी का उत्पादक बेहद कम हुआ हैं। वहीं पेराई सत्र लंबा खींचने के साथ-साथ गर्मी ज्यादा होने के कारण चीनी का रिकवरी रेट कम होता जा रहा हैं। हाल के दिनो में चीनी का रिकवरी करीब 9.62 प्रतिशत बनी है, गत वर्ष 10.50 प्रतिशत रिकवरी रेट प्राप्त करने का लक्ष्य भी मिल प्रशासन नहीं प्राप्त कर पाया है। हालांकि चीनी की गुणवत्ता पिछले साल की अपेक्षा अधिक बेहतर है।
बता दें कि वर्ष 2021-22 का पेराई सत्र 10 नवम्बर 2021 को शुरू हुआ था। इस बार 10 प्रतिशत से ऊपर की चीनी की रिकवरी रेट प्राप्त की जाएगी। परन्तु बार-बार ब्रेक डाउन की घटनाओं व अब गर्मी अधिक होने के बावजूद पेराई सत्र समय पर पूरा न होने के कारण चीनी की रिकवरी रेट में गिरावट आ रही है। जिसके कारण 10 प्रतिशत की रिकवरी रेट प्राप्त करना लगभग मिल प्रशासन के लिए असम्भव हो गया है।
चीनी मिल में अब तक 2 लाख 73 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन-
मिल प्रबंधन के अनुसार दी जानकारी के अनुसार अब तक 29 लाख 70 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य पूरा हो चुका हैं। वहीं चीनी उत्पादन करीब 2 लाख 73 हजार क्विंटल का हो चुका है। जोकि पिछले साल की अपेक्षा करीब 28 हजार क्विंटल कम है। हालांकि इस बार चीनी की गुणवत्ता बेहतर होने की वजह से बाजार में सोनीपत चीनी मिल की चीनी की डिमांड काफी अधिक रही है और भाव भी अच्छा मिला है। वहीं गर्मी के कारण रिकवरी रेट घट रही है। इसके अतिरिक्त बार-बार ब्रेक डाउन की घटनाएं भी परेशानी का सबब बनी हुई है। अब तक सोनीपत चीनी मिल में मौजूदा पेराई सत्र में करीब 490 घंटे का ब्रेक डाउन हो चुका है।
प्रदेश के अन्य जिलो में स्थित चीनी मिल का पेराई सत्र लगभग बंद हो चुका हैं। पानीपत चीनी मिल का बकाया गन्ना भी सोनीपत चीनी मिल में आना शुरू हो चुका हैं। गर्मी ज्यादा होने के चलते चीनी की रिकवरी रेट पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हालांकि सोनीपत चीनी मिल की चीनी की गुणवत्ता प्रदेश में ऊंच स्तर की रही है। जिसकी वजह से भाव भी काफी अच्छा मिल रहा है। - राकेश कुमार, चीनी मिल।
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