छह दिन के बाद बजी शुगर मिल कोल्हू की सीटी, किसानों ने धरना किया समाप्त

हरिभूमि न्यूज. जींद : आखिरकार शुगर मिल में छह दिन बाद शुगर मिल के कोल्हू ने सीटी बजानी शुरू कर दी है। शुक्रवार को फिर से शुगर मिल में गेहूं पिराई का कार्य शुरू किया गया। हालांकि मिल के बंद रहने से प्रबंधन को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। मिल को दोबारा से शुरू करने के लिए लाखों रुपये का ईंधन फिर से जलाना पड़ा और फिर स्टीम से चलने वाले कोल्हू शुरू किए गए।
गौरतलब है कि गन्ने के दाम बढ़ाने की मांग को लेकर किसानों ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को शुगर मिल के गेट पर ताला जड़ दिया था। किसानों की मांग थी कि गन्ने के दाम बढाए जाएं। जिसके चलते शनिवार को मिल में गन्ना खत्म होने की वजह से पिराई बंद हो गई थी। छह दिन तक पिराई का काम बंद रहने की वजह से शुगर मिल को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। कितना नुकसान हुआ है, इसका आंकलन किया जा रहा है।
मिल प्रबंधन के साथ-साथ पिराई बंद होने का नुकसान किसानों को भी है, क्योंकि जितने दिन काम बंद रहा, उससे पिराई सत्र में उतनी ही देरी होगी। अप्रैल-मई में तापमान में बढ़ोतरी होने व गर्मी की वजह से गन्ने का वजन घटने लगता है, जिससे चीनी की रिकवरी भी घट जाती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को गन्ने के रेट में 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी। हालांकि किसान संगठनों ने इसे नाकाफी बताते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही थी, लेकिन बाद में फैसला लिया गया कि आंदोलन को लंबा चलाने और शुगर मिल बंद रखने की वजह से किसानों को ही नुकसान हो रहा है। इसलिए आंदोलन खत्म कर शुगर मिल के ताले खोलकर गन्ना लाने का फैसला लिया गया, जिसके बाद किसान शुगर मिल में गन्ना लेकर पहुंचे। शुक्रवार दोपहर तक जींद शुगर मिल में 12 हजार क्विंटल से ज्यादा गन्ना पहुंच चुका था।
शुगर एमडी प्रवीन कुमार ने बताया कि शुक्रवार सुबह शुगर मिल में दोबारा पिराई का कार्य शुरू कर दिया गया है। पिराई बंद होने से कितना नुकसान हुआ है, इसका आंकलन किया जा रहा है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS