गन्ने का रेट बढाए जाने की मांग को लेकर गन्ना किसानों ने दिल्ली-हिसार हाइवे पर लगाया जाम

महम। गन्ने का रेट बढाए जाने की मांग को लेकर गन्ना किसानों ने दिल्ली हिसार हाइवे पर भैणी महाराजपुर गांव में जाम लगाया। जाम की सूचना मिलते ही महम थाना प्रभारी रमेश कुमार मौके पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने किसानों को यात्रियों व वाहन चालकों को हो रही परेशानी के बारे में बताया और किसानों से जाम हटाने को कहा। किसानों ने आधे घंटे बाद ही जाम हटा लिया और उसके बाद हाइवे पर आवागमन बहाल हो सका। उसके बाद भी किसानों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। वे नारेबाजी करते हुए महम चीनी मिल गेट पर पहुंचे। यहां सुबह 11 बजे पहुंचे किसानों ने दोपहर दो बजे तक धरना दिया।
किसान गन्ने का भाव 450 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे थे। किसानों का कहना था कि पंजाब में हरियाणा से गन्ना अधिक भाव है। जबकि वहां पर गन्ना उगाने की लागत कम है। किसानों ने एक मांग पत्र सहकारी चीनी मिल महम के एमडी दलबीर सिंह फोगाट को सौंपा। मिल एमडी ने उनकी बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। अखिल भारतीय किसान सभा के तहसील महम के नेता राय सिंह नहरा व भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान अजमेर सिंह ने संयुक्त रूप से धरने की अध्यक्षता की।
किसान नेताओं ने मिल के एमडी से गन्ने का भुगतान तुरंत किए जाने की मांग की। कहा कि प्रदेश के चीनी मिलों में डेढ महीने से गन्ने की पेमेंट नहीं दी जा रही। राज्य सरकार किसानों का गन्ने का भुगतान करे और जल्द ही गन्ने का समर्थन मूल्य बढाने की घोषणा करे। महम चीनी मिल स्तर पर भी प्रशासन द्वारा समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा। मिल में किसान रोंग साइड से गन्ना लेकर आते हैं। मिल के सामने पुल के दक्षिण दिशा में अभी तक सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका है। किसानों ने सरकार से रास्ते को तुरंत पक्का किए जाने की मांग की। साथ ही किसानों ने अपने लिए कंट्रोल रेट पर चीनी दिए जाने की मांग रखी।
किसानों ने कहा कि महम चीनी मिल की पेराई क्षमता 25 हजार क्विंटल गन्ना प्रतिदिन की है, जबकि इसमें 10 हजार क्विंटल गन्ने की प्रतिदिन पेराई की जा रही है। पेराई की स्पीड धीमी होने से किसानों को अपनी फसल को मिल में लाने में देरी हो रही है। इस मौके पर खरक जाटान से बलवान सिंह सहराय, बड़ाला से राधेश्याम सिंहमार, जयपाल सैमाण, अत्तर सिंह सीसर, वेदपाल, नफे सिंह, राज सिंह, सुनील मित्ताथल, तेलूराम, वजीर सिंह व महेंद्र सिंह समेत कई किसान मौजूद थे।
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