Sugarcane Farming : अब किसानों को गन्ना उत्पादन की नई तकनीक पर मिलेगी सब्सिडी

Sugarcane Farming : अब किसानों को गन्ना उत्पादन की नई तकनीक पर मिलेगी सब्सिडी
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इस स्कीम का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जो पहले आवेदन करेंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 31 अक्टूबर 2022 तक कर सकते हैं।

कैथल। गन्ने का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। हरियाणा प्रदेश गन्ने के उत्पादन में दिन प्रतिदिन उन्नति की ओर अग्रसर है। इसलिए सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों को अनुदान सहायता राशि प्रदान करने के लिए विशेष स्कीम निकाली है। यदि किसान इस स्कीम के तहत गन्ने का उत्पादन करेंगे तो किसानों को सरकार की ओर से अनुदान सहायता राशि तो मिलेगी साथ ही गन्ने के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी। बता दें कि हाल ही में सरकार ने टेक्नोलॉजी मिशन ऑन शुगर कैन स्कीम को लांच किया है। इस स्कीम के तहत गन्ना उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान सहायता राशि देने के लिए सभी सहायक गन्ना विकास अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इस स्कीम का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जो पहले आवेदन करेंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 31 अक्टूबर 2022 तक कर सकते हैं।

जानिए क्या है स्कीम

इस स्कीम का नाम टेक्नोलॉजी मिशन ऑन शुुगर कैन है। इसके तहत कई स्कीमें हैं जिससे किसानों को अनुदान सहायता राशि मिलेगी। किसानों को अपने खेत में 4 फुट लाइन से लाइन की दूरी में गन्ने की बिजाई होगी और गन्ने के बीच बीच में दूसरी फसलों जैसे गेहूं, सरसोंं, चन्ना व सब्जियों की बिजाई भी करनी होगी। इस विधि से बिजाई करने पर किसानों को प्रति एकड़ 3600 रुपये की अनुदान सहायता राशि विभाग की ओर से प्रदान की जाएगी। इसी कड़ी में यदि कोई किसान 4 फुट लाइन से लाइन की दूरी में गन्ने की बिजाई करेगा और इसमें अन्य फसलें नहीं उगाएगा तो उसे प्रति एकड़ 3000 रुपये की अनुदान राशि प्राप्त होगी। इस दोनों स्कीमों के लिए विभाग ने 800 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है।

बीज नर्सरी लगाने पर 5000 मिलेगा अनुदान

बता दें कि बीज नर्सरी लगाने के लिए विभाग 5000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान सहायता राशि किसानों को देगा। किसानों द्वारा बीज नर्सरी के लिए प्रयोग में लाया गया गन्ने का बीज मोइस्ट होट एयर तथा फंफूदीनाशक से उपचारित किया जाना आवश्यक है। किसानों द्वारा उक्त नर्सरी के लिए गन्ने की बिजाई क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिक या सहायक गन्ना विकास अधिकारी की उपस्थिति में की जाएगी। इसके अलावा ट्रैस मलचिंग विधि से प्रदर्शन प्लांट लगाने व कृषि सामग्री की खरीद के लिए 500 रुपये प्रति एकड़ किसानों को अनुदान सहायता राशि दी जाएगी। बता दें कि ट्रैस मलचिंग विधि के तहत किसानों को गन्ने से उतरने वाली पात्ती को जलाना नहीं है, बल्कि उसे खेत में ही बिछाना है। पात्ती कुछ समय बाद गल जाएगी इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ेगी। जिससे किसान की फसल की पैदावार अधिक होगी।

इस स्कीम का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज

किसानों को इस स्कीम का लाभ लेने के लिए सबसे पहले किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर https://agriharyana.gov.in/ पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगी। इसमें कृषि सामग्री का बिल, किराए पर ली हुई मशीन का बिल, दवाइयों का बिल, आधार कार्ड व बैंक अकाउंट कॉपी की प्रति अपलोड करनी होगी। सहायक गन्ना विकास अधिकारी डा. कुलदीप शर्मा ने बताया कि जिला कैथल सहित कुरुक्षेत्र, करनाल, जींद व अंबाला का कुछ क्षेत्र उनके मंडल में आता है। इसमें 17269 एकड़ भूमि पर गन्ने की बिजाई की हुई है। किसानों को गन्ने की खेती व उत्पदान क्षेत्र बढ़ाने के लिए सरकार ने किसानों को कई स्कीमों के लिए प्रोत्साहन राशि देने का कार्य किया है। इसके लिए विभाग की ओर से किसानों को 500 से लेकर 5000 रुपये तक अनुदान राशि दी जाएगी। किसान पहले आओ पहले पाओ के तहत इसका लाभ उठाएं। नई तकनीक अपना के किसान ज्यादा उपज तो ले ही सकते है और साथ साथ गन्ने को कीड़े व बीमारियों से भी बचा कर उन पर होन वाले खर्च को कम करके पैसे बचा सकते हैं।

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