सोलह श्रृंगार कर सुहागिनों ने मनाया करवाचौथ, चांद का दीदार कर और पतियों के दर्शन कर उपवास खोला

सोलह श्रृंगार कर सुहागिनों ने मनाया करवाचौथ, चांद का दीदार कर और पतियों के दर्शन कर उपवास खोला
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प्राचीन मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत का खास महत्व है। करवा चौथ के व्रत से दो दिन पहले महिलाओं ने अपने सजना के लिए सजना संवरना शुरू कर दिया था। रविवार सुबह पौ फटने के बाद शुरू हुआ सुहागिनों का निर्जल उपवास रात को चंद्रमा के दर्शन होने तक रहा।

Haryana : पतियों की लंबी आयु को लेकर सोलह श्रृंगार कर सुहागिनों ने रविवार को करवा चौथ का पर्व धूमधाम से मनाया। वही बादलों के कारण महिलाओं को कही जगह चांद देखने में इंतजार करना पड़ा। इस दौरान सुहागिनों ने सज-धज कर दिन भर अपने पतियों की दीर्घायु के लिए उपवास रखा। देर शाम चांद का दीदार कर सुहागिनों ने अपने पतियों के दर्शन कर उपवास खोला। इससे पहले दिन भर सुहागिनों में एक दूसरे से अच्छी दिखने की होड़ लगी रही। खास बात तो यह रही कि बहु से अधिक सुंदर दिखने के लिए अधिकांश सास भी दिन भर संजने संवरने में लगी रही।

करवाचौथ, सुहागिनों के लिए सबसे खास दिन है। इस दिन महिलाएं अपने को दूसरों से अलग दिखाने के लिए खास मेहनत करती हैं। महिलाओं में इस बात को लेकर होड़ रहती है कि दूसरे से अच्छा कैसे दिखा जाए चाहे इसके लिए कितना भी खर्च क्यों न करना पड़े। खास बात तो यह है कि महिलाओं में यदि नवविवाहितों की बात की जाए तो उनमें कुछ नया ही जोश होता है। नए-नए तरह के मेकअप व अन्य श्रृंगार के सामान से खुद को सजाना काफी अच्छा लगता है।

करवाचौथ पर्व का अपना ही है एक क्रेज

नवविवाहिता ज्योति, रजनी, सविता व श्वेता ने बताया कि उनका पहला करवाचौथ है तथा इस दिन व्रत रखना उन्हें अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि यह व्रत अपने पति की लंबी आयु के लिए है इसलिए इसका अपना ही क्रेज है। वहीं स्वयं को सजाने-संवारने में जुटी नेहा, सोनिया व भद्रा ने बताया कि यही मौका होता है जब हम अपने को सजाने का हर शौक पूरा करती हैं।

इंटरनेट पर किए दर्शन

विजय नगर निवासी मंजू, दुर्गा गार्डन निवासी आरती ने बताया कि उनके पति विदेश गए हुए हैं। इसलिए उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से उनसे बातचीत की और व्रत के बारे में बताया। मैसेंजर पर वीडियो कॉल करने के बाद उन्होंने व्रत खोला।

सास बहु में सजने की हौड़

करवाचौथ के पर्व को लेकर हर सुहागिन की एक ही चाह होती है कि वह दूसरों से कुछ अलग दिखाई दे। सप्ताह भर से महिलाओं में सजने संवरने की होड़ सी लगी हुई थी। यहां तक कि सास बहू से और बहू सास से अधिक सुुंदर दिखने का प्रयास करती रही। अपने साजन के प्रति आंखों में हजारों सपने होठों पर सलामति के मंगल गीत गाए और पर्व को सुहागिनों ने एक उत्सव की भांति मनाया।




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