हरियाणा का यह जेल अधीक्षक भगोड़ा घोषित, प्रॉपर्टी अटैच कराने की तैयारी में विजिलेंस, जानें पूरा मामला

हरियाणा का यह जेल अधीक्षक भगोड़ा घोषित, प्रॉपर्टी अटैच कराने की तैयारी में विजिलेंस, जानें पूरा मामला
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गत नौ दिसंबर को विजिलेंस टीम ने नसीबपुर जेल पर रेड की थी और तब एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए जेल वार्डर राजन कुमार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

नसीबपुर जेल के रिश्वत कांड में फरार चल रहे जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। पहले निचली एवं ऊपरी अदालतों में जमानत याचिका रद होने उपरांत अब जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने उन्हें भगोड़ा करार दे दिया है। विजिलेंस नारनौल की याचिका पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश बंसल की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। अब विजिलेंस उनकी प्रॉपर्टी को इस केस से अटैच कराने की तैयारी में है।

गौर हो कि गत नौ दिसंबर को विजिलेंस टीम ने नसीबपुर जेल पर रेड की थी और तब एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए जेल वार्डर राजन कुमार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था, जबकि यह रुपये अन्य जेल वार्डर गजेसिंह द्वारा फोन करके मंगवाए जाने पर उन्हें भी विजिलेंस ने तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया था। सघन जांच में तब हवलदार विवेक, जेल उपाधीक्षक कुलदीप हुड्डा एवं जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा का नाम भी उजागर हुआ, जबकि शिकायतकर्ता हंसराज ने भी इन्हें कई बार रिश्वत देने की बात कही तो इनके नाम भी केस में रजिस्टर्ड कर लिए।

बाद में हवलदार विवेक सरकारी गवाह बन गया और अदालत में जेल भ्रष्टचार का सारा चिट्ठा खोलकर दिया। इसके उपरांत विजिलेंस की जांच तेज कर दी गई। गत 15 दिसंबर को भोर के समय रेवाड़ी में जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा के आवास पर रेड मारी, लेकिन वह लीक होने की वजह से फेल हो गई और इसकी गाज तत्कालीन विजिलेंस इंस्पेक्टर अजीत यादव को सस्पेंशन के रूप में भुगतनी पड़ी। बाद में जांच इंस्पेक्टर नवलकिशोर शर्मा को दे दी गई।

क्राइम फिल्मी स्टोरी से कम नहीं रिश्वतकांड केस

नसीबपुर जेल रिश्वत कांड किसी क्राइम फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है। हुआ यूं कि कुख्यात गैंगस्टर विक्रम एवं पपला वर्ष 2017 में महेंद्रगढ़ कोर्ट में पेशी के दौरान फरार हुआ था। तब उनके साथ उन्हें पुलिस पर फायरिंग करके जबरन छुड़ा ले गए थे। इसी मामले में पपला के गुर्गे संदीप उर्फ सिंधिया गुर्जर भी शामिल था, जिसे कोर्ट से आजीवन कारावास हो चुकी है। इसी कारावास के चलते संदीप उर्फ सिंधिया नसीबपुर जेल में बंद है और उसे जेल की चक्की में डालने से बचाने के लिए एक लाख रुपये रिश्वत दी गई थी। इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए जेल उपाधीक्षक कुलदीप हुड्डा एवं जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा लगातार फरार चल रहे थे, लेकिन जमानत रद होने पर गत 24 फरवरी को कुलदीप हुड्डा ने निराशापूर्वक जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी।

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