बाढड़ा नगर पालिका की सर्वे रिपोर्ट तैयार, सर्वे में शामिल 1018 में से 908 लोग पालिका के खिलाफ

संदीप श्योराण : बाढड़ा (चरखी दादरी)
बीते कुछ समय बहुचर्चित बाढड़ा नगर पालिका का मुद्दा अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। सीएम के आदेश के बाद नगरपालिका को लेकर सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया है। जिसकी रिपोर्ट बाढड़ा एसडीएम संजय सिंह द्वारा चरखी दादरी एडीसी को सौंपी जा चुकी है। अब किसी भी समय अधिकारियों द्वारा सीएम को रिपोर्ट भेजी जा सकती है जिसके बाद स्थानिय जन प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जो सर्वे रिपोर्ट तैयार की गई है उसमें नगर पालिका रखने के पक्ष में आठ प्रतिशत भी कम लोग शामिल है। यदि सर्वे रिपोर्ट को आधार माना जाता है तो दोनों गांवों में ग्राम पंचायत पुन: बहाल होती दिखाई दे रही है।
एक साल पहले बाढड़ा व हंसावास को मिलाकर बनाई गई बाढड़ा नगर पालिका का रद्द करवाने का मुद्दा इन दिनों दादरी जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। दोनों गांवों के लोगों ने नगर पालिका का दर्जा रद्द करवाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इसके लिए उन्होंने विधायक, मंत्री, सीएम सभी से मिलकर पुन: ग्राम पंचायत बहाली का बात दोहराई है। हालांकि अभी तक ग्राम पंचायत की पुन: बहाली तो नहीं हो पाई है। लेकिन आठ जुलाई को सीएम ने नगरपालिका को लेकर जो सर्वे करवाने की बात कही थी। उसके बाद से नगर पालिका रद्द करवाने में जुटे हुए लोगों को पुन: ग्राम पंचायती बहाली की पूरी आस जग चुकी है। सीएम के आदेश के बाद उसी दिन सर्वे के लिए दादरी एडीसी की अध्यक्षता में टीम का गठन कर दिया गया था जिसके बाद अगले दिन से ही सर्वे टीमों को फील्ड में उतार दिया गया। 11 वार्डों के लिए बनाई गई इन टीमों ने 9 व 10 जुलाई को डोर-टू डोर जाकर सर्वे का कार्य पूरा कर रिपोर्ट बाढड़ा एसडीएम को सौंप दी थी। जिसके बाद सोमवार को बाढड़ा एसडीएम ने दादरी एडीसी व एडीसी ने डीसी को रिपोर्ट सौंप दी है।
908 लोग ग्राम पंचायत के पक्ष में
नगर पालिका को लेकर सभी 11 वार्डों में जाकर सर्वे टीमों ने जो सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। उसमें कुल 1018 लोगों को शामिल किया गया है। जिसमें से 908 लोग ग्राम पंचायत के पक्ष में हैं। वहीं 78 लोग नगर पालिका बरकरार रखने के पक्ष में हैं। जबकि 32 लोग ग्राम पंचायत व नगरपालिका दोनों के पक्ष में हैं।
जबरदस्ती नहीं थोपा जाएगा : नैना
बाढड़ा विधायक नैना चौटाला ने कहा कि नगर पालिका को उन्होंने बड़े संघर्ष बनवाया था। बाढड़ा के विकास को गति देने के लिए लोगों की मंाग पर ही इसका गठन किया था। लेकिन यदि यहां के लोग नगर पालिका नहीं चाहते हैं तो सर्वे रिपोर्ट के अनुसार वे भी लोगों की भावनाओं के साथ हैं। उन्होंने कहा कि बाढड़ा के लोगों पर नगर पालिका को जबरदस्ती थोपा नहीं जाएगा।
नगर पालिका के पक्ष में सौंपा ज्ञापन
सोमवार को ब्रह्ममा किसान सभा ने नगर पालिका को बरकरार रखने के लिए बाढड़ा एसडीएम संजय सिंह को दोबारा से ज्ञापन सौंपा है। किसान सभा पदाधिकारियों ने गलत सर्वे होने व हाई कोर्ट के केस का हवाला देते हुए नगर पालिका को बरकरार रखने की मांग की है।
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