ऋषि परंपरा को आगे बढ़ाते हुए युवाओं में संस्कारों का निर्माण कर रहे गुरूकुल : जय प्रकाश दलाल

- महाशय चौ. खजान सिंह छिक्कारा की पुण्यतिथि पर जुआं गुरुकुल स्थित स्मृति सभा में हिस्सा लेने पहुंचें कृषि मंत्री
- युवा चरित्र निर्माण एवं व्यायाम प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ, युवाओं ने दिखाए हैरतंगेज करतब
Sonipat : हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने महाशय चौ. स्वर्गीय खजान सिंह छिक्कारा की पुण्यतिथि पर उनको नमन करते हुए कहा कि गुरूकुल आज भी ऋषि परंपरा को कायम रखे हुए हैं, जिसमें खजान सिंह का भी विशेष योगदान रहा है। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए युवाओं में संस्कारों का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी आज विशेष आवश्यकता है। आर्श गुरूकुल जुआं में शनिवार को महाशय खजान सिंह छिक्कारा की 11वीं पुण्यतिथि के मौके पर स्मृति सभा का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए कृषि मंत्री (Agriculture Minister) जय प्रकाश दलाल ने शिरकत की।
उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण से ही देश को आगे बढ़ा सकते हैं। इस प्रकार की संस्थाएं परंपराओं को संरक्षित रख रही हैं, जो अनुकरणीय है। उन्होंने किसानों को पशुपालन के लिए भी प्रोत्साहित किया। विशेष रूप से उन्होंने गोपालन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देशी गाय के सहारे किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सकता है। ब्राजील दौरे के दौरान उन्होंने देखा कि हमारी देशी गाय के सहारे वहां नस्ल सुधार किया गया, जिससे एक गाय से ही 30-40 लीटर दूध मिलने लगा। इसी प्रकार अब हरियाणा में भी नस्ल सुधार की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि दूध उत्पादन को बढ़ाया जा सके। उत्तम किस्म की नस्ल गाय तैयार कर रहे हैं, जिससे किसानों को विशेष लाभ मिलेगा।
उन्होंने किसानों को कीटनाशक खेती छोड़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया और आह्वान किया कि वे प्राकृतिक खेती करें, जिसमें देशी गाय विशेष रूप से सहयोगी रहेगी। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सरकार द्वारा 25 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। किसानों को इसका लाभ उठाते हुए कीटनाशकों के प्रयोग वाली खेती को त्यागना चाहिए। इस मौके पर स्मृति सभा के प्रमुख संयोजक एवं सूचना आयुक्त डाॅ. कुलबीर छिक्कारा ने कृषि मंत्री का स्वागत और आभार व्यक्त किया। वहीं आर्श गुरूकुल के आचार्य वेदनिष्ठ ने गुरूकुल के संचालन इत्यादि की संक्षिप्त जानकारी देते हुए गुरूकुलों के लिए भी सरकार द्वारा सहायता देने की व्यवस्था किए जाने की मांग की।
विशांत को सर्वश्रेष्ठ आर्य वीर का दिया खिताब
कार्यक्रम के दौरान आर्य वीर दल ने भी अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया । स्मृति सभा के दौरान ही युवा चरित्र निर्माण एवं व्यायाम प्रशिक्षण शिविर का समापन सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान आर्य वीर दल के वीरों ने हैरतंगेज करतब दिखाए। इस दौरान सर्वश्रेष्ठ आर्य वीर का खिताब विशांत को दिया गया। वहीं वरिष्ठ वर्ग में हेमंक प्रथम, रीतिन द्वितीय, रिषभ तृतीय रहे। कनिष्ठ वर्ग में अग्नि, नवदीप और सिद्धार्थ को क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान मिला।
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