तमिलनाडु के प्रतिनिधिमंडल ने किया श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का भ्रमण, स्किल एजुकेशन पर हुई मंत्रणा

पलवल। तमिलनाडु के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के दूधौला परिसर का भ्रमण किया। देश के पहले कौशल विश्वविद्यालय की तर्ज पर तमिलनाडु में स्किल एजुकेशन की संभावनाओं पर मंथन किया गया। कुलसचिव प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि पूरे स्किल एजुकेशन को बढ़ाने की आवश्यकता है। हरियाणा सरकार ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना कर एक मॉडल देश के शैक्षणिक संस्थानों के सामने रखा है। इसी कड़ी में देश के नामचीन तकनीकी संस्थान श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ जुड़ रहे हैं। हम इस मॉडल को देशभर में फैलाने के लिए पूरी तरह तत्परता से काम कर रहे हैं। तमिलनाडु के शैक्षणिक संस्थान जिस तरह की परामर्शी सहायता चाहेंगे, उनको मुहैया करवाई जाएगी।
इससे पूर्व श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर आर. एस. राठौड़ ने विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे तमिलनाडु के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उन्हें विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रोफेसर आर. एस. राठौड़ ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय उन सभी शैक्षणिक संस्थानों को अपने साथ जोडने को तैयार है, जो शिक्षा में कौशल को अपनाने के इच्छुक हैं।
तमिलनाडु के इस प्रतिनिधिमंडल में डा. महालिंगम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और नचीमुथु पॉलिटेक्निक कॉलेज के अधिकारी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल में शामिल डा. एस.वी. सुब्रमण्यन, डा. डी. षणमुगम, डा. केल्विन एस. किंग और दीपक चंद्र ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के स्किल इन्नोवेटिव स्कूल को तकनीकी शिक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अवधारणा बताया। साथ ही उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में स्थापित की गई अत्याधुनिक सी.एन.सी. लैब का भी अवलोकन किया। स्किल इनोवेटिव स्कूल के प्रिंसिपल डा. जलबीर सिंह जाखड़ और उप कुल सचिव डा. ललित शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल को कार्यक्रमों के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
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