हरियाणा में उफान पर टांगरी और यमुना नदी : कई परिवारों ने किया पलायन, घर छोड़ने के लिए करवाई जा रही मुनियादी

हरिभूमि न्यूज : अंबाला
अंबाला छावनी से होकर गुजर रही टांगरी नदी उफान पर है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात की वजह से अचानक इस नदी का जलस्तर बढ़ गया है। आमतौर पर सूखी रहने वाली यह बरसाती नदी इस समय आसपास रहने वाले लोगों के लिए आफत बनती नजर आ रही है। वहीं यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से जठलाना क्षेत्र के नगली घाट पर बनाया गया अस्थाई रास्ता पानी में बह गया है।
रविवार को टांगरी नदी में करीब 10 हजार क्यूसिक पानी चल रहा था। सोमवार को थोड़ा जलस्तर नीचे आने की बात कही जा रही है। मगर आने वाले दिनों में नदी फिर से विकराल रूप धारण कर सकती है। उधर नदी में जलस्तर बढ़ने की संभावनाओं के चलते अब प्रशासन भी हरकत में आ गया है। नदी के आसपास रहने वाले लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाने की हिदायत दी गई है। इसके बाद कुछ परिवारों ने यहां से अपना सामान समेटकर सुरक्षित जगह की ओर पलायन शुरू कर दिया है। हालांकि ज्यादातर परिवार तो पानी रोकने के लिए खुद आसपास बंदोबस्त करने में जुटे हैं।
बांध किया जा रहा मजबूत
उफनती टांगरी नदी से जान-माल की हानि रोकने के लिए नगर परिषद व सिंचाई विभाग के अधिकारी कसरत कर रहे हैं। इसके लिए नदी के बांध को मजबूत किया जा रहा है ताकि जलस्तर बढ़ने के बावजूद इसके खतरे को कम किया जा सके। हालांकि पिछले रविवार को अचानक बढ़े जलस्तर ने न केवल प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ाई है बल्कि आसपास रहने वाले सैकड़ों परिवार भी दहशत में हैं। टांगरी नदी के पास बसे प्रीत नगर, न्यू प्रीत नगर और न्यू टैगोर नगर समेत कई कॉलोनियों के लोग तो नदी में बढ़ते पानी के स्तर पर नजर रख रहे हैं। इसके लिए यहां रहने वाले लोग पहरेदारी कर रहे हैं।
चार साल पहले मचाई थी तबाही
टांगरी नदी ने चार साल पहले जमकर तबाही बचाई थी। तब काफी परिवारों के रिहायशी भवनों को भारी नुकसान हुआ था। अब भी टांगरी नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण कई जगह बांध की परतें उखड़कर पानी में मिल गई हैं। इसकी वजह से कॉलोनियों में पानी घुस गया। सूचना के तुरंत बाद ही सिंचाई व नगर परिषद के अधिकारी हरकत में आ गए। तब सिंचाई विभाग ने बांध को मजबूत क ठीक किया। उन जगह को भी मिट्टी व कट्टे डालकर रिपेयर किया है जहां से किनारे उखड़कर पानी में बह गए। हालांकि प्रशासन की ओर से ऐन मौके पर उठाए गए कदमों से लोग बेहद नाराज हैं। उनका आरोप है कि आफत आने के बाद ही अधिकारी हरकत में आते हैं। जबकि बरसाती सीजन से पहले वे बांध मजबूत करने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें जान माल का नुकसान न हो। मगर तब किसी अधिकारी ने उनकी नहीं सुनी। अब आफत सिर पर आने के बाद अधिकारी जाग रहे हैं।
नदी किनारे बस गई कई कॉलोनियां
टांगरी बरसाती नदी है। आमतौर पर पूरे साल यह सूखी रहती है। मगर पहाड़ी इलाकों में बरसात होने के बाद इस नदी में पानी आ जाता है। अब तो बरसात सीजन शुरू होते ही यह उफान पर आ गई। गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर सिंचाई विभाग ने नदी के किनारे पर मजबूत बांध बनाया है ताकि आसपास बसी कॉलोनियों के लोगों को जान माल का नुकसान न हो। दूसरी ओर रोक के बावजूद नदी के आसपास लगातार कॉलोनियां बस रही हैं। पिछले कई साल से यह काम निरंतर चल रहा है। प्रशासन की ओर से भी इन कॉलोनियों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इसी वजह से कुछ सालों में ही नदी किनारे कई कॉलोनियां आबाद हो चुकी हैं। अब इन कॉलोनियों पर आफत के बादल मंडरा रहे हैं।
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से नगली घाट पर बना अस्थाई रास्ता बहा
यमुनानगर। पहाड़ी इलाकों में सोमवार को हुई तेज बारिश से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से जठलाना क्षेत्र के नगली घाट पर बनाया गया अस्थाई रास्ता पानी में बह गया है। जिससे क्षेत्र के सैंकड़ो किसानों को यमुना नदी के दूसरी ओर यूपी सीमा में स्थित अपने खेतों में अब 20 से 25 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ेगा। किसानों ने सरकार से यमुना नदी पर तुरंत अस्थाई रास्ता बनवाए जाने की मांग की है। किसानों ने बताया कि यमुना नदी के दूसरी ओर यूपी सीमा में जठलाना व गुमथला क्षेत्र के सैंकड़ो किसानों की हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि है। यूपी सीमा में स्थित खेतों में जाने के लिए क्षेत्र के किसानों ने लाखों रुपये खर्च कर नगली घाट पर अस्थाई रास्ता बनाया गया था। मगर पहाड़ी इलाकों में अचानक हुई तेज बारिश से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से उन द्वारा नदी में रास्ता पानी में बह गया।
अब अस्थाई रास्ते के बह जाने से उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। अपने खेतों तक पहुंचने के लिए उन्हें अब कई किलोमीटर का सफर तय करना होगा। किसानों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से क्षेत्र के नगली घाट पर सरकार द्वारा ओवरब्रिज बनाया जा रहा है। मगर उस पर निर्माण कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। जिसकी वजह से किसान और ग्रामीण परेशान हैं। क्योंकि आजकल उनके खेतों में धान रोपाई का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। अब अस्थाई रास्ता भी बह गया और ओवरब्रिज का निर्माण कार्य भी अभी पूरा नहीं हुआ है। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से ओवरब्रिज के निर्माण कार्य पूरा होने तक नगली घाट पर दोबारा अस्थाई रास्ता बनवाए जाने की मांग की।
यमुनानगर के जठलाना क्षेत्र में यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से पानी में बहा नगली घाट पर बना हुआ अस्थाई रास्ता।
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