हरियाणा में सभी ग्रामीण घरों तक पहुंचा नल कनेक्शन, फिर भी हर घर जल का सपना क्यों अधूरा

ओ.पी. पाल : रोहतक
प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के मकसद से पाइप जल कनेक्शन देने में हरियाणा देश के उन राज्यों में तीसरा राज्य बन गया है, जिन्होंने जल जीवन मिशन का शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण ग्रामीण परिवारों को 17,66,363 जल कनेक्शन देने के बाद प्रदेश 6804 गांवों में सभी ग्रामीण परिवारों के पास अब 30,96,792 जल कनेक्शन मौजूद हैं। जल जीवन मिशन के तहत जल कनेक्शन हासिल करने वालों को अभी भी शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। मसलन सरकार द्वारा प्रदेश में हर घर जल के इस लक्ष्य में पानी की गुणवत्ता पूर्वक पेयजल आपूर्ति में बढ़ोतरी के लिए 404 नलकूप, 75 बूस्टिंग स्टेशन और 4643 किलोमीटर लम्बी नई पाइप लाईनें बिछाई गईं है।
जल जीवन मिशन की घोषणा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को 2024 तक हर घर में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन देने का ऐलान किया था। हरियाणा को 30 जून, 2022 तक 'हर घर जल' राज्य बनना था, लेकिन राज्य सरकार ने इसे निर्धारित अवधि से पहले साल 2021 में ही हासिल कर लिया। हरियाणा में सभी गांवों के 30 लाख 96 हजार 792 ग्रामीण घरों तक पानी के कनेक्शन पहुंचाने का काम पूरा कर लिया है। जल जीवन मिशन के तहत हरियाणा में लक्षित ग्रामीण परिवारों को 17,66,363 जल कनेक्शन प्रदान कर दिये गये हैं। जबकि मिशन शुरु के समय ग्रामीण घरों में 13,30,429 जल कनेक्शन पहले से ही लगे थे। सभी ग्रामीण घरों में जल जीवन मिशन का शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के बाद हरियाणा गोवा, तेलंगाना के बाद तीसरा राज्य बन गया है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक परिवार को अपने घरों में स्वच्छ नल का कनेक्शन दिया गया है। जबकि देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल जल कनेक्शन के माध्यम से नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता के लिए पर्याप्त मात्रा में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्यों के साथ साझेदारी में केंद्र सरकार का जल जीवन मिशन को परा करने का राष्ट्रीय लक्ष्य जल जीवन 2024 तक निर्धारित किया गया था।
प्रदेश के 22 जिलों में 142 ब्लॅकों की 6176 में पंचायतो के 6804 गांवों में से 6420 ग्राम जल और स्वच्छतता कमेटियों का गठन करके अब तक 6694 ग्राम कार्य योजना तैयार की गई है, ताकि हर घर जल का सपना पूरा किया जा सके। सरकारके आंकड़ो के मुताबिक इस योजना पर खर्च के लिए केंद्र और राज्य की 50:50 की हिस्सेदारी है। हरियाण में मिशन को जलापूर्ति होने तक 2,285.26 करोड़ रुपये की धनराशि सुनिश्चित की गई, जिसमें से अब तक 1013.14 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों में नल का जल
मिशन के तहत ही प्रदेश के 12,988 स्कूलों और 21,789 आंगनबाड़ी केंद्रों में नल का सुरक्षित पानी सुनिश्चित करने वाले 2 अक्टूबर 2020 को 100 दिनों के अभियान का लक्ष्य को भी हासिल कर लिया गया है। प्रदेश के विद्यालय और 21,789 आंगनवाड़ी केद्रों में जल का उपयोग बच्चों और शिक्षकों द्वारा पीने, मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में किया जाता है। हालांकि इसके अलावा हालांकि हरियाणा में 19419 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह लक्ष्य 88 प्रतिशत ही हासिल किया जा सका है।
हिसार में सबसे ज्यादा जल कनेक्शन
प्रदेश में ग्रामीण घरों में सबसे ज्यादा 2,20,134 जल कनेक्शन हिसार जिलें में हैं, मिशन से पहले ही 51 प्रतिशत जल कनेक्शन थे। जबकि सोनीपत में मिशन के तहत 57.74 प्रतिशत काम के बाद 2,04,620 ग्रामीण जल कनेक्शन के साथ दूसरे पायदान पर है। घरों वहीं सबसे कम 34,433 कनेक्शन के जरिए पंचकूला जिलें में शुद्ध जल धारा पहुंचाने की तैयारी है, जहां मिशन से पहले महज 14.49 प्रतिशत जल कनेक्शन थे।
पानी की गुणवत्ता पर फोकस, 43 प्रयोगशालाएं स्थापित
प्रदेश में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के पास प्रदेशभर में 43 परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं। यह अत्याधुनिक मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेटरी वैन पूरी तरह से मल्टीमीटर प्रणाली से लैस है, जिसमें एनालइजऱ, सेंसर, प्रॉब्स और कलरीमेट्रिक आधारित उपकरण, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री आदि हैं। सभी प्रयोगशालाओं से परीक्षण की गुणवत्ता की काउंटर चैकिंग करना है। वहीं जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में जल की गुणवत्ता के परीक्षण के मद्देनजर अति आधुनिक 'चलित जल परीक्षण प्रयोगशाला वैन' भी कार्य कर रही है, जो जल परीक्षण की बहु-आयामी प्रणाली से लैस है, जिसमें सेंसर और विभिन्न उपकरण लगे हैं। इस वैन में जीपीएस और जीपीआरएस/3जी कनेक्टिविटी के जरिए परीक्षण किए गए नमूनों के डेटा को एक केन्द्रीय जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सर्वर को भेजा जा सकता है. इस प्रयोगशाला वैन में एलईडी डिस्प्ले यूनिट के जरिए परीक्षण का नतीजा तुरंत सामने आ जाता है। प्रदेश में जल की गुणवत्ता को लेकर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं वासो क्षमता संवर्धन कार्यक्रम भी चला रहे हैँ। जल जीवन मिशन जल की गुणवत्ता की निगरानी और निरीक्षण पर बहुत जोर देता है। यह अनिवार्य है कि प्रत्येक गाँव में 5 व्यक्तियों विशेषकर महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जाए, ताकि गाँवों में पानी की जांच की जा सके।
4643 किलोमीटर लंबी नई पाइपलाइन
सरकार ने इस मिशन के तहत प्रदेश में पेयजल आपूर्ति में बढ़ोतरी के लिए 104.75 करोड़ रुपये की लागत से 404 नलकूप, 75 बूस्टिंग स्टेशन और 24.25 करोड़ रुपये की लागत से 17 नए जलघर स्थापित करने के साथ ही 765.58 करोड़ रुपये की लागत से 4643 किलोमीटर लम्बी नई पाइप लाईनें बिछाई है। मिशन के तहत प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले सभी गांवों में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से जल आपूर्ति बढ़ाने तथा सीवरेज व्यवस्था को ठीक करने के लिए 'महाग्राम योजना' के तहत 128 गांवों का चयन काम शुरु कर दिया गया है। सरकार ने ताजा जल संसाधनों पर निर्भरता कम करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के 50 किलोमीटर के दायरे में आने वाले थर्मल पावर प्लांट्स में टावरों की कूलिंग के लिए ट्रीटेड वेस्ट वाटर का उपयोग।करने के अलावा प्रतिदिन 1000 किलो लीटर पानी का उपयोग करने वाले उद्योग के लिए भी ट्रीटेड वेस्ट वाटर का उपयोग करना अनिवार्य कर दया है। हरियाणा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अनुसार प्रदेश के 6804 गांवों में प्रति व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 160 से 165 लीटर पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। इसमें 127 गांवों में प्रति दिन प्रति व्यक्ति के लिए 40 लीटर, 4062 गांवों में 40 से 55 एलपीसीडी तथा 2615 गांवों में 70 एलपीसीडी पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। हालांकि गांवों में की जा रही यह जलापूति शहरी क्षेत्रों में होने वाली जलापूर्ति के मुकाबले लगभग आधी है।
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