ट्रांसफर ड्राइव और स्कूल रेशनेलाइजेशन को लेकर शिक्षक संगठनों की शिक्षा मंत्री संग बैठक, जानिए क्या हुई बातचीत

चंडीगढ़। शिक्षक संगठनों और हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की हरियाणा निवास में बैठक आयोजित की गई। इस दौरान शिक्षा विभाग के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। तबादला पॉलिसी को लेकर बैठक के बाद में शिक्षा मंत्री ने कहा कि ट्रांसफर ड्राइव और रेशनेलाइजेशन को लेकर एसोसिएशन के साथ बैठक हुई है। इस दौरान पांच एसोसिएशन के पदाधिकारी पहुंचे हुए थे। बैठक में अध्यापक संघ, स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन हरियाणा, आरोही मॉडल स्कूल एसोसिएशन के अलावा 2 और एसोसिएशन ने हिस्सा लिया है।
मंत्री का कहना है कि इस संबंध में तमाम तरह के प्रश्नों का उत्तर दिया गया और कुछ मामले में असमंजस की स्थिति भी समाप्त हो गई है, क्योंकि बैठक में सभी एसोसिएशन पदाधिकारियों को संतुष्ट किया गया है। मंत्री ने साफ कर दिया है कि पदों को कैप्ट कर देने संबंधी कईं तरह की शंकाएं थी, जिसमें परिवर्तन किए गए हैं, साथ ही एक निश्चित फार्मूला बनाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि 134ए समाप्त किया और उसका विकल्प चिराग योजना ताकि गरीब परिवार के बच्चे भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ सके। चिराग योजना के तहत 361 स्कूलों ने बच्चे पढ़ने को जिम्मेवारी ली है। जिनमें 1668 की एडमिशन हुई है, इससे कोई निजीकरण नहीं हो रहा। हमारा अनुमान है कि रेशनेलाइजेशन के बाद जो 35 हजार पोस्ट खाली थी, वह 15 हजार पोस्ट खाली रह जाएंगी।
ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी पर विभिन्न अध्यापक संघों के साथ शिक्षा मंत्री की मैराथन बैठक
शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि प्रदेश के मॉडल संस्कृति स्कूलों में जिन अध्यापकों ने 5 साल पूरे कर लिए हैं उनको ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव में शामिल होना अनिवार्य होगा। कंवर पाल ने यह बात चंडीगढ़ में विभिन्न अध्यापक संघो के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइंग में जिन अध्यापक को पसंद का स्टेशन मिल गया है उन्हें स्टेशन अलॉट कर दिया जाएगा और जिन अध्यापकों को नहीं मिला उनके लिए ट्रांसफर ड्राइवर को दोबारा खोला जाएगा। ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव की तिथि को बढ़ाकर 24 अगस्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहली से आठवीं कक्षा तक के लड़कियों के मिडिल स्कूल को को-एजुकेशन बनाया जाएगा जो यह सैद्धांतिक फैसला लिया गया है।
कम छात्र वाले स्कूलों को किया जा रहा है मर्ज
कंवर पाल ने कहा कि स्कूलों को मर्ज करने और बंद करने में अंतर होता है दोनों बातें अलग अलग हैं। प्रदेश के उन स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है जिसमें छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा कम है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में एनसीसी की यूनिट है उन स्कूलों के एएनओ को ड्राइव में शामिल नहीं किया जाएगा।
हमारी पहली प्राथमिकता बच्चों को शिक्षा देना
उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी पहली प्राथमिकता बच्चे हैं जिनको अच्छी शिक्षा देना है। हर विद्यार्थी को अध्यापक मिलना चाहिए और हर अध्यापक के पास विद्यार्थी होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन अध्यापकों की सेवानिवृत्ति एक साल से कम है उनका ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। लेकिन वहां पर छात्रों की संख्या कम नहीं होनी चाहिए।
अध्यापकों की समस्याओं के समाधान के लिए शिक्षा सदन में स्थापित है हेल्प डेस्क
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव में अध्यापकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े इनके लिए शिक्षा सदन में हेल्प डेस्क की संख्या को दोगुना किया जाए ताकि किसी भी अध्यापक को कोई समस्या उत्पन्न होती है तो वह हेल्प डेस्क के माध्यम से सहायता ले सके।
हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के साथ भी रही सकारात्मक बातचीत
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मिनिस्ट्रियल स्टाफ की वरिष्ठता लिस्ट 10 सितंबर तक अपडेट की जाए। ताकि उनकी पदोन्नति में आने वाली खामियो को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि मिनिस्टीरियल स्टाफ के जिन क्लर्क के स्टेशन दूर है उन क्लर्क को हर वर्ष ट्रांसफर ड्राइव में शामिल किया जाएगा। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह व निदेशक श्री अंशज सिंह सहित विभाग के अधिकारी और विभिन अध्यापक संघो के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
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