महेंद्रगढ़ : अध्यापकों ने बदल दी 6 स्कूलों की सूरत, खेल-खेल में बच्चे लेंगे ज्ञान

महेंद्रगढ़। कहते हैं की टीम भावना (team spirit से काम करने से परिणाम हमेशा अच्छे निकलते हैं और मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो इंसान आपदा को भी अवसर में बदल सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है महेंद्रगढ़ खंड (Mahendragarh Block) के 6 स्कूलों के अध्यापकों की टीम ने। इस कार्य को पहल का नाम दिया गया है। इसमें खाली पड़ी जगह और भवन भवन को क्रिएटिव तरीके से तैयार करके बच्चों (Children)को रटाने की बजाय सीखाने पर जोर दिया गया है।
पहल कार्यक्रम के तहत अध्यापकों की इस टीम ने बच्चों के संपूर्ण मानसिक बौद्धिक सामाजिक एवं शारीरिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय के मुख्य गेट से लेकर क्लासरूम तक ऐसा कुछ कर दिया कि बच्चे स्कूल के अंदर प्रवेश करते ही खेल खेल में बच्चे काफी कुछ सीख जाएंगे।
कोरोना काल में जहां पूरी दुनिया में सभी प्रकार की गतिविधियां ठप हो चुकी थी। वहीं इन प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों ने इसे अवसर के तौर पर लिया और अपनी लगन व जज्बे के साथ विद्यालय की सूरत ही बदल दी। महेंद्रगढ़ के एसडीएम विश्राम कुमार मीणा के आईडिया पर खंड शिक्षा अधिकारी व माधोगढ़ सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्राचार्य अलका के मार्गदर्शन में इस टीम ने दिन रात एक करके विद्यालय परिसर को पहल योजना के अनुरूप तैयार कर दिया।अब जब भी स्कूल खुलेंगे तो इन स्कूलों के बच्चों को मुख्य द्वार से ही खेल खेल में ज्ञान प्राप्त होगा। पहल योजना के तहत इन स्कूलों में बच्चों के मन से मैथ के डर को खत्म करने के लिए गणित पार्क बनाया गया है जिसमें घूम कर बच्चे गणित के संबंध में सारी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
जीवन में भूगोल का भी बहुत महत्व होता है इसके लिए स्कूल में भूगोल एवं ब्रह्मांड पार्क बनाया गया है ताकि बच्चे ब्रह्मांड की बारीकियों को समझ सके। भूकंप क्यों आता है। सूर्य ग्रहण कैसे होता है। चंद्र ग्रहण कैसे होता है। यह सभी बातें बच्चों को बेहद मनोरंजक तरीके से बड़े-बड़े प्रोजेक्ट के माध्यम से समझाई गई।आज के युग में साइंस का बहुत बड़ा महत्व है तथा विज्ञान ही विकास का मूल आधार है। स्कूली बच्चों को साइंस के बारे में जानकारी देने के लिए विज्ञान पार्क बनाए गए हैं। यहां पर प्रयोगिक तरीके से विज्ञान बारीकियों को बताया गया है।
किसी भी चीज को सीखने पढ़ने व किसी दूसरों को समझाने में भाषा का बहुत बड़ा रोल होता है। बचपन से ही बच्चों को सही तरीके से बोलने व लिखने के बारे में सिखाने के लिए भाषा पार्क बनाया गया है। इसके लिए स्कूल की दीवारों व फर्स का भी प्रयोग किया गया है ताकि बच्चे बार-बार दीवारों पर लिखे गए उन अक्षरों को पढ़ें तथा भाषा का ज्ञान प्राप्त कर सकें। इतना ही नहीं आने वाले समय में बच्चे स्कूल में ही विभिन्न प्रकार के फल का आहार करें इसका इंतजाम भी अध्यापकों की इस टीम ने कर दिया है। इस टीम ने इन स्कूलों में एक फ्रूट गार्डन भी बनाया है। यहां चार-पांच साल बाद जब पेड़ बड़े होंगे तो सभी प्रकार के फल बच्चों को उपलब्ध हो जाएंगे।
यह हैं वो 6 राजकीय प्राथमिक पाठशाला
पहल कार्यक्रम को मूर्त रूप देने के लिए महेंद्रगढ़ खंड के 6 राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं का चयन किया गया। इसके लिए एसडीएम महेंद्रगढ़ विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में शिक्षा अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें इन स्कूलों को शामिल करने का फैसला लिया गया। इस कार्यक्रम को सिरे चढ़ाने के लिए समय-समय पर जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त तथा जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी नसीब सिंह ने स्कूलों का दौरा किया तथा अध्यापकों के साथ विचार विमर्श किया। उन्होंने पूरी टीम को इस कार्य के लिए बधाई दी।
राजकीय प्राथमिक पाठशाला ढ़ाढोत
राजकीय प्राथमिक पाठशाला ढ़ाणी श्योपुरा
राजकीय प्राथमिक पाठशाला खातीवास
राजकीय प्राथमिक पाठशाला माधोगढ़
राजकीय प्राथमिक पाठशाला नांगल माला
राजकीय प्राथमिक पाठशाला जैरपुर
क्या है पहल
इस बारे में एसडीएम विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि पहल एक ऐसा प्रयास है। जिसके माध्यम से राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में भौतिक ढांचागत सुधार के साथ-साथ शैक्षणिक दृष्टिकोण पर भी जोर दिया गया है। पहल एक व्यापक विचार है। जो न केवल बच्चों के शिक्षा के मौलिक अधिकार को पूरा करता है बल्कि इसके माध्यम से बच्चों को वास्तविक ज्ञान देने का प्रयास किया जाता है। इसमें बच्चों को रटाने की बजाय सिखाने पर जोर दिया गया है ताकि वह हर विषय को गहराई के साथ समझ सके। अभी यह जिला के 6 स्कूलों में शुरू किया गया है।
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