फील्ड में उतरे शिक्षक : ट्राप आउट व आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए शिक्षा विभाग का सर्वे आरंभ, चार चरणों में तैयार होगी रिपोर्ट

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
नई शिक्षा नीति (New education policy) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से जिला में सर्वे आज से आरंभ होगा। जिसमें आउट ऑफ स्कूल बच्चे और ड्राप आउट बच्चों की पहचान कर नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 में उन्हें स्कूलों में प्रवेश दिलवाया जाएगा। शिक्षा के अधिकारी अधिनियम-2009 के अंतर्गत शत-प्रतिशत नामांकन हासिल करने का यह प्रयास होगा। इसमें सभी वर्ग के बच्चे जैसे-एससी,एसटी, गलियों में घूमने वाले बच्चे, भिखारी, अनाथ, घर विहीन बच्चे, विस्थापित बच्चे, आदिवासी एवं घूमंतु, प्रवासी मजदूर के बच्चे और अन्य बच्चे जो किसी कारण से स्कूलोंं से बाहर है, उन्हें शामिल किया जाएगा।
चार चरणों में पूरी तरह सर्वे रिपोर्ट होगी तैयार
-स्कूल लेवल : यह लेवल चार दिन चलेगा। इसमें स्कूल हैड अपने स्कूल क्षेत्र की सर्वे करवाएगा। वह यह रिपोर्ट कलस्टर हैड को रिपोर्ट सौंपेगा।
-कलस्टर लेवल : यह लेवल दो दिन का होगा। इसमें कलस्टर हैड इस सर्वे रिपोर्ट को कम्पाइल करके बीईओ अथवा बीआरसी को सौंपेगा।
-ब्लाक लेवल : यह कार्य एक दिन होगा। इस दिन बीईओ/बीआरसी कलस्टर हैड से प्राप्त रिकार्ड को कम्प्यूटरराइज बनाकर हार्ड कॉपी व शॉफ्ट कॉपी डीपीसी को सौंपेंगे।
-डिस्ट्रिक लेवल : इसके बाद डिस्ट्रिक लेवल पर यह कार्य दो दिन का होगा। इन दो दिन में जिलास्तर पर डीपीसी सभी ब्लाक लेवल से प्राप्त लिस्ट एकत्रित करके मुख्यालय भेजेंगे। इस सर्वे की रिपोर्ट 20 जनवरी से पहले भेजने की संभावना रहेगी।
स्कूल लेवल पर इस तरह होगा सर्वे
स्कूल लेवल पर सर्वे के लिए स्कूल मुखिया के नेतृत्व में अध्यापक, एसएमसी मैम्बर, पंचायत सदस्य, आंगनबाड़ी वर्कर, नंबरदार व स्वयं सेवक टीम सदस्य होंगे। स्कूल क्षेत्र के अधीन स्थानों पर यह टीम जाएगी और आउट ऑफ स्कूल बच्चे और ड्राप आउट बच्चों की लिस्ट तैयार करेंगे। इसमें छह से सात साल का बच्चा ड्राप आउट है तो उसे तुरंत स्कूल में दाखिला दिया जाएगा। सात से 14 साल के बच्चों की एक अलग लिस्ट तैयार होगी। उन्हें सत्र 2022-23 में दाखिला दिया जाएगा। स्कूल हैड को सर्वे रिपोर्ट देने के बाद एक लिखित प्रमाण पत्र भी देना होगा जिसमें उनके द्वारा की गई सर्वे के अलावा अन्य कोई बच्चा नहीं होने की जिक्र हो।
आउट ऑफ स्कूल बच्चे व ड्राप आउट बच्चों में अंतर
आउट ऑफ स्कूल का मतलब जो बच्चा कभी स्कूल ही नहीं गया हो। वहीं जिस बच्चे ने स्कूल में दाखिला लिया हो और किसी कारण पढ़ाई छोड़ दी हो उसे ड्राप आउट श्रेणी में रखा जाता है।
क्या कहते है डीपीसी
डीपीसी एवं सर्वे की नोडल अधिकारी राजबाला ने बताया कि इस सर्वे से संबंधित आज अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक हुई है। सात जनवरी से ही जिला में स्कूल लेवल पर आउट ऑफ स्कूल बच्चे व ड्राप आउट बच्चों का सर्वे आरंभ हो जाएगा।
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