Hariyali Teej : बाजारों में तीज की रौनक, इस बार भव्य तरीके से मनाया जाएगा तीजोत्सव, ये हैं प्रशासन की तैयारियां

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
सावन के महीने में मनाया जाने वाला तीज का पर्व इस वर्ष 10 व 11 अगस्त को मनाया जाएगा। बता दे कि प्रदेश में हरियाली तीज का विशेष महत्व है, खासकर दक्षिणी हरियाणा में इस दिन महिला व युवतियां झूले व पींग का आनंद उठाती है। इसके अलावा युवा पतंगबाजी करते है।इस पर्व के अवसर पर घेवर व फिन्नी के अलावा विशेष प्रकार की मिठाई बनाई जाती है, यह मिठाई हलवाइयाें द्वारा केवल तीज के त्योहार पर ही बनाई जाती है।
इस बार सिंधारा पर्व 10 अगस्त को है। इस दिन बहन की ससुराल में घेवर भेजने की भी परंपरा है। इसी परंपरा के चलते तीज पर्व पर घेवरों की विशेष डिमांड रहती है। जिसके चलते शहर में इन दिनाें दुकानें विभिन्न प्रकार के घेवरों व फिन्नी के अलावा मिठाइयों से सजी हुई है। वहीं इन दिनों बाजार में पतंगों की भी बहार आई हुई। युवा भी दिनभर पतंगबाजी करते नजर आ रहे है। तीज पर्व के चलते रविवार को भी बाजार में भारी भीड़ रही। वहीं सिंधारा के अगले दिन तीज पर्व मनाया जाता है, जो इस वर्ष 11 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार तीज को भय तरीके से मनाने के लिए प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। प्रशासन की ओर से आजादी के 75वें महोत्सव के उपलक्ष्य में आगामी 10 व 11 अगस्त को हरियाणा का प्रमुख त्योहार तीज को धूमधाम से मनाया जाएगा। पंचायत विभाग की तरफ से तीन बड़े गांवों में इस तीज लोक उत्सव को भव्य तरीके से मनाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने तीनों गांव का चयन कर लिया है।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि हरियाणा में हरियाली तीज का विशेष महत्व होता है। इस बार तीज को पूरे उत्साह व उल्लास के साथ मनाने के लिए जिले के प्रत्येक उपमंडल के एक बड़े गांव का चयन किया है। जिसमें उपमंडल नारनौल के गांव मिर्जापुर बाछौद, कनीना के गांव भोजावास व महेंद्रगढ़ के गांव पाली में ये आयोजन होंगे।इस मौके पर स्थानीय स्वयं सहायता समूह की सहायता से ग्रामीण मार्ट स्थापित किए जाएंगे, जहां पर समूहों द्वारा तैयार फूड स्टॉल लगाए जाएंगे। यहां पर फिन्नी, घेवर व अन्य मिठाइयों की स्टॉल लगाई जाएगी।
जिप के सीईओ को नोडल अधिकारी लगाया
तीजोत्सव में मेहंदी, चूड़ी व अन्य श्रृंगार सामग्री बेचने की स्टॉल लगेंगी। दोनों ही दिन पंचायत विभाग की तरफ से झूले व पींग आदि की व्यवस्था की जाएगी। डीसी ने बताया कि आयोजन की तैयारियों के लिए जिप के सीईओ को नोडल अधिकारी लगाया है। इसके अलावा संबंधित एसडीएम, संबंधित तहसीलदार व बीडीपीओ डीडीपीओ के साथ मिलकर कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे।
डेढ़ सौ से 500 रुपये मिल रहा घेवर
तीज पर विशेष तौर पर तीन प्रकार के घेवर बनाए जा रहे है, जिसमें सिंपल घेवर की कीमत 150 से 200 रुपये प्रति किलो है। वहीं दूध के घेवर की कीमत 200 से 250 रुपये किलो, जबकि खोये के घेवर की कीमत 300 से 500 रुपये प्रति किलोग्राम है। कीमत के अनुसार तीनों घेवराें का टेस्ट अलग-अलग है, मगर खोये से बने घेवर की डिमांड सबसे अधिक है। हालांकि सिंपल घेवर भी बाजार में खूब बिक रहे है। इस बारे महंगाई के कारण गत वर्ष के मुकाबले घेवरों की कीमत में इजाफा हुआ है।
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