Haryana : 7 'स्पेशल इकोनोमिक जोनों' में होगा दस हजार करोड़ निवेश

चंडीगढ़। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Deputy Chief Minister Dushyant Chautala) ने कहा कि प्रदेश में 7 'स्पेशल इकोनोमिक जोनों' में लगभग दस हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य है जिससे एक लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रदेश में उद्योगों (Industries) को बढ़ावा देने के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश को हरियाणा में लाया जा सके। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से जानी-मानी कंपनी एंटरप्राइज सिंगापुर, फ्लिपकार्ट, जीएलएस फिल्मस, आईकेईए, एटीएल ग्रुप, सेंबकॉर्प सिंगापुर, डीसीएम टैक्सटाइल्स समेत कई अन्य बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कोविड-19 के दौरान भी वेबिनार के माध्यम से हरियाणा में निवेश के लिए बातचीत हुई है, इस चर्चा के दौरान उक्त कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भरपूर उत्साह दिखाया है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में विदेशी निवेश से उद्योगों को स्थापित करने के लिए माहौल अनुकूल है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में हरियाणा उत्तर भारत में पहले तथा देश में तीसरे स्थान पर है तथा हरियाणा सरकार का लक्ष्य राज्य को टॉप पर ले जाने का है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में उद्योगों को विकसित करने के लिए ' हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम' की ओर से 34 इण्डस्ट्रीयल इस्टेट तैयार किए गए हैं, इनमें अलग-अलग प्रकार के 1100 से अधिक औद्योगिक प्लॉट आईएमटी फरीदाबाद, बावल, मानेसर, पानीपत, गुरुग्राम में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, आईएमटी सोहना में 1500 एकड़ तथा खरखौदा में 3000 एकड़ भूमि को उद्योग लगाने के लिए तैयार किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा देश में कैपिटल गुड्स ऑफ मैनुफैक्चरर के क्षेत्र में अग्रणी क्षमता रखता है तथा इसके लिए बावल व मानेसर क्षेत्र अहम रोल अदा कर रहा है। इसके अलावा, दिल्ली-मुम्बई व अमृतसर-कोलकाता एक्सप्रेस-वे तथा कुण्डली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर मुख्य इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है जो पूरे प्रदेश को कवर करते हुए औद्योगिक यूनिट की कनेक्टिवीटी को हब और बंदरगाह से जोड़ेगा।
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