पिछले 45 दिन में नहीं मिल पाई रिपोर्ट, मरीज का आरोप- स्पेशल लैब से जांच करवाने के लिए बोलते हैं चिकित्सक

पिछले 45 दिन में नहीं मिल पाई रिपोर्ट, मरीज का आरोप- स्पेशल लैब से जांच करवाने के लिए बोलते हैं चिकित्सक
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मरीजों ने आरोप लगाया है कि काला पीलिया उपचार के लिए निर्धारित किए गए कमरे में तैनात स्टाफ महंगे टेस्ट करवाने के लिए बाहर भेजता है। बाकायदा इन टेस्टों के लिए स्पेशल लैब का नाम लिया जाता है। अगर मरीज बताई गई लैब के अलावा गलती से दूसरी लैब से टेस्ट करवा लाता है, तो वहां का स्टाफ मरीज से ऐसा व्यवहार करता है जोकि सहनीय नहीं होता है। इसके अलावा कई बार तो काला पीलिया के मरीजों को दोबारा से टेस्ट करवाने के लिए भेज दिया जाता है।

जींद: जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में काला पीलिया से पीड़ित मरीजों को समय पर जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। इसके चलते पीड़ित मरीज बार-बार अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर हैं। अब जब तक काला पीलिया की रिपोर्ट नहीं मिलेगी, तब तक चिकित्सक उपचार भी नहीं कर पाएगा। ऐसे में मरीजों को उपचार में भी देरी का सामना करना पड़ रहा है।जब मरीज इस बारे में स्वास्थ्य अधिकारियोंं से बातचीत करते हैं, तो उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिलता है।

अब मरीजों ने आरोप लगाया है कि काला पीलिया उपचार के लिए निर्धारित किए गए कमरे में तैनात स्टाफ महंगे टेस्ट करवाने के लिए बाहर भेजता है। बाकायदा इन टेस्टों के लिए स्पेशल लैब का नाम लिया जाता है। अगर मरीज बताई गई लैब के अलावा गलती से दूसरी लैब से टेस्ट करवा लाता है, तो वहां का स्टाफ मरीज से ऐसा व्यवहार करता है जोकि सहनीय नहीं होता है। इसके अलावा कई बार तो काला पीलिया के मरीजों को दोबारा से टेस्ट करवाने के लिए भेज दिया जाता है। मरीजों का आरोप है कि स्टाफ द्वारा लैब के साथ कमीशन निर्धारित होने के कारण ही उनको परेशान किया जा रहा है। स्टाफ के इस रवैये के कारण मरीज परेशान हो रहे हैं और अस्पताल प्रशासन इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

मरीज ने की शिकायत, 45 दिन में मिली रिपोर्ट

गौरलब है कि नागरिक अस्पताल में सोमवार व बुधवार के दिन काला पीलिया के मरीजों की जांच के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस दौरान यहां मरीजों की लंबी लाइन लगती है। नागरिक अस्पताल में सोमवार को उपचार करवाने आए पीड़ित ने बताया कि उसने 45 दिन पहले सैंपल दिए थे, जिसकी रिपोर्ट अब तक नही मिली है। जिस पर उसने सोमवार को प्रधान चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में शिकायत दी है। पीड़ित ने बताया कि पिछले दिनों उसने रक्तदान किया था। खून की जांच के बाद पता चला कि उसको काला पीलिया है। 13 दिसंबर को अस्पताल में उपचार के लिए आया। जहां पर एक टेस्ट के लिए अंदर ही सैंपल ले लिया जबकि कुछ टेस्ट बाहर करवाने के लिए भेज दिया। बाहर के टेस्ट उसने अपनी मर्जी की लैब से करवा लिए। इसके बाद 15 दिन के बाद रिपोर्ट लेकर आने के लिए कहा। स्टाफ के कहे अनुसार वह 28 दिसंबर 2022 को अस्पताल आया और सुबह दस बजे लाइन में लगने के बाद दोपहर दो बजे वहां पर तैनात स्टाफ नर्स ने बताया कि उनकी रिपोर्ट नहीं आई है।

इसके बाद, उसने स्टाफ नर्स को दोबारा सैंपल लेने के लिए कहा, लेकिन उसने सैंपल लेने से इंकार करते हुए कहा कि 15 दिन के बाद पता करना। इसके बाद 11 जनवरी को फिर आया, तो पता चला कि रिपोर्ट अब भी नहीं मिली है। इसके बाद 11 जनवरी को उसका दोबारा सैंपल करवा दिया और 15 दिन में फिर से आने की बात कही। जब सोमवार को वह फिर आया, तो पता चला कि उसकी रिपोर्ट अब भी नहीं आई है। उसने आरोप लगाया कि स्टाफ द्वारा उपचार के नाम पर परेशान किया जा रहा है। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि दूसरे मरीजों को परेशानी न आए। इस पर प्रधान चिकित्सा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं।

किसी भी लैब में करवाया जा सकता है टैस्ट : डॉ. नरेश वर्मा

काला पीलिया के नोडल अधिकारी डाॅ. नरेश वर्मा ने बताया कि मरीज की सैंपल रिपोर्ट में हुई देरी के बारे में पता लगाया जाएगा। काला पीलिया के कुछ टैस्ट अस्पताल में नहीं किए जाते हैं। जिसके चलते बाहर करवाने पड़ते हैं। बाहर से होने वाले टेस्ट मरीज अपनी मर्जी से किसी भी लैब में करवा सकते हैं, उसके लिए मरीज बाध्य नहीं है। अगर स्टाफ द्वारा स्पेशल लैब का नाम लिया जा रहा है, तो इसके बारे में स्टाफ से बात की जाएगी।


मरीज द्वारा लिखी गई शिकायत।

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